विकसित भारत और विकसित झारखंड की दिशा में युवाओं को मिलेगा योगदान का अवसर
सामाजिक उत्तरदायित्व और जमीनी स्तर पर विकास को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए संत जेवियर्स कॉलेज, रांची ने चेतना वेलफेयर ट्रस्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किया। इस साझेदारी का उद्देश्य शिक्षा को समाज से जोड़ते हुए विद्यार्थियों को विकास के वास्तविक प्रयासों से परिचित कराना है।
मंगलवार को कॉलेज परिसर में हुए इस कार्यक्रम में दोनों संस्थानों के प्रतिनिधियों ने औपचारिक रूप से समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संत जेवियर्स कॉलेज के प्राचार्य फादर डॉ. रॉबर्ट प्रदीप कुजूर और चेतना वेलफेयर ट्रस्ट के सीईओ आर्यन गर्ग उपस्थित रहे।
इंटर्नशिप और फील्ड स्टडी का अवसर
इस एमओयू के तहत अब जेवियर्स कॉलेज के ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी चेतना वेलफेयर ट्रस्ट के साथ मिलकर विभिन्न सामाजिक और विकासात्मक परियोजनाओं पर इंटर्नशिप, फील्ड स्टडी और रिसर्च कार्य कर सकेंगे।
इन परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, जल प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं।
कॉलेज प्रशासन के अनुसार, यह पहल छात्रों को कक्षा के बाहर सीखने का अवसर देगी और उन्हें समाज की वास्तविक चुनौतियों को समझने व समाधान खोजने के लिए प्रेरित करेगी।
विकसित भारत और विकसित झारखंड की दिशा में साझा कदम
कार्यक्रम के दौरान यह भी रेखांकित किया गया कि यह साझेदारी “विकसित भारत और विकसित झारखंड” के सपने को साकार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
चेतना वेलफेयर ट्रस्ट पिछले कई वर्षों से झारखंड के विभिन्न जिलों में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, आजीविका, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है।
अब ट्रस्ट और जेवियर्स कॉलेज मिलकर राज्य में युवा नेतृत्व, सामुदायिक सहभागिता और सतत विकास को बढ़ावा देंगे।
आर्यन गर्ग, सीईओ, चेतना वेलफेयर ट्रस्ट ने कहा —
“हमारा उद्देश्य युवाओं को केवल शिक्षा तक सीमित नहीं रखना है, बल्कि उन्हें समाज निर्माण की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनाना है। यह साझेदारी विकसित झारखंड और विकसित भारत की दिशा में युवाओं की ऊर्जा को नई दिशा देगी।”
वहीं, फादर डॉ. रॉबर्ट प्रदीप कुजूर, प्राचार्य, संत जेवियर्स कॉलेज ने कहा —
“इस एमओयू के माध्यम से हमारे विद्यार्थी चेतना वेलफेयर ट्रस्ट के अनुभवों से जुड़कर समाज के लिए वास्तविक योगदान दे सकेंगे। यह शिक्षा को समाज से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।”
समुदाय और शिक्षा के बीच सेतु बनेगा यह एमओयू
यह समझौता कॉलेज और समाज के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करेगा। विद्यार्थियों को ट्रस्ट के परियोजनाओं में प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त होगा, जिससे वे अपने शैक्षणिक ज्ञान को सामाजिक जरूरतों से जोड़ सकेंगे।
दोनों संस्थानों का मानना है कि यदि युवा पीढ़ी को सही दिशा और प्लेटफ़ॉर्म मिले, तो झारखंड जैसे राज्य में भी रोज़गार, पर्यावरण और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक परिवर्तन संभव है।
भविष्य की योजनाएँ
इस साझेदारी के तहत आगे चलकर संयुक्त रूप से वर्कशॉप, ट्रेनिंग प्रोग्राम, रिसर्च स्टडी और सामुदायिक जागरूकता अभियान भी आयोजित किए जाएंगे।
दोनों संस्थान आने वाले पाँच वर्षों में मिलकर झारखंड के विभिन्न जिलों में सतत विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के मॉडल विकसित करने पर कार्य करेंगे।
यह एमओयू न केवल शिक्षा और समाज के बीच की दूरी को कम करेगा, बल्कि झारखंड को विकसित राज्य और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में युवाओं की भूमिका को और अधिक सशक्त करेगा।