
श्रावणी माह के पावन अवसर पर चंदवा नगरवासियों को एक ऐतिहासिक सौगात मिली। मां उग्रतारा की पावन नगरी चंदवा स्थित देवनद-दामोदर घाट पर आज एक भव्य सूर्य मंदिर के निर्माण की नींव रखी गई। इस शुभ अवसर पर नगर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।
भूमिपूजन से हुआ मंदिर यात्रा का शुभारंभ
प्रातः 9:00 बजे भूमि पूजन कार्यक्रम की शुरुआत पंडित बालकृष्ण दैवज्ञ द्वारा विधिवत मंत्रोच्चार के साथ की गई। चंद्रभूषण केसरी, मनु कुमार गुप्ता और अनिकेत भास्कर ने यजमान की भूमिका निभाई। पूजा स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और पूरे नगर ने कार्यक्रम में आत्मीय भागीदारी निभाई।
अखंड कीर्तन और भक्ति गीतों ने भरा आध्यात्मिक रंग
शशिकांत मिश्र की अगुवाई में भजन मंडली ने अखंड कीर्तन का आयोजन किया। भक्ति गीतों की मधुर स्वर-लहरियों के बीच श्रद्धालु डटे रहे और पूरे वातावरण में एक विशिष्ट आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता रहा।
श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह, मंदिर मॉडल ने खींचा ध्यान
कार्यक्रम स्थल पर मंदिर निर्माण से जुड़ी यात्रा की झलकियां होर्डिंग्स और पोस्टरों के माध्यम से प्रदर्शित की गईं, जिसने सभी का ध्यान खींचा। साथ ही मंदिर के प्रस्तावित 3D मॉडल का होर्डिंग भी लगाया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे और तस्वीरें भी खींचीं।
सेवा और सत्कार की रही विशेष व्यवस्था
झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष लाल मोती नाथ शाहदेव व उनकी टीम की ओर से चाय की व्यवस्था की गई, जिसका लोगों ने मौसम के अनुकूल आनंद लिया। वहीं धर्मेंद्र भारती व उनकी टीम ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की ज़िम्मेदारी निभाई।
मंदिर समिति ने किया संकल्प, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
सूर्य मंदिर निर्माण समिति के सदस्य सौरभ श्रीवास्तव, प्रशांत सिंह और मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में युद्धस्तर पर कार्य शुरू किया जाएगा। सबसे पहले चाहरदीवारी, फिर सूर्य वाटिका, और उसके बाद मुख्य मंदिर का निर्माण आरंभ होगा।
उल्लेखनीय सहयोग और समर्पण
कार्यक्रम को सफल बनाने में अश्विनी कुमार मिश्रा, दारा सिंह, गणेश प्रसाद, पवन वैद्य, विभाकर मिश्रा, हिमांशु सिंह, जागृति प्रसाद सहित अनेक स्थानीय जनों ने समर्पण भाव से योगदान दिया।
50 वर्षों का सपना हुआ साकार
यह सूर्य मंदिर चंदवा वासियों का पांच दशक पुराना सपना था। आज जब उसकी आधारशिला रखी गई, तो नगर में हर्ष, आस्था और गर्व का माहौल देखा गया। स्थानीय लोगों ने कहा कि यह मंदिर चंदवा को न केवल आध्यात्मिक मानचित्र पर लाएगा, बल्कि धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।