बरहरवा। देशव्यापी हड़ताल के तहत मंगलवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं ने पूरी तरह से कार्य बहिष्कार कर धरना-प्रदर्शन किया। इस कारण क्षेत्र में कई आंगनबाड़ी केंद्रों की गतिविधियां ठप रहीं। हड़ताल का असर प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में भी देखने को मिला, जहां मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था आंशिक रूप से बाधित रही।
उक्त हड़ताल के संबंध में विद्यालयों के रसोइयों और पाककर्मियों को पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, जिस कारण कई विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन की तैयारी शुरू हो चुकी थी। बाद में जानकारी मिलने के बाद कुछ पाककर्मी काम बंद कर वापस लौट गए।
उत्क्रमित उच्च विद्यालय पंचकठिया के प्रधान शिक्षक अमित प्रामाणिक ने बताया कि विद्यालय की रसोइया जब सुबह पहुंची तो उसे किसी माध्यम से हड़ताल की सूचना मिली, जिसके बाद वह वापस लौट गई। इससे विद्यालय में मध्यान्ह भोजन बाधित हुआ और बच्चों के लिए केले और पावरोटी जैसी वैकल्पिक व्यवस्था की गई, जिससे बच्चों को भूखे पेट न लौटना पड़े।
ऐसे कई विद्यालयों की स्थिति सामने आई जहां हड़ताल की सूचना समय पर नहीं पहुंचने के कारण पाककर्मी नियमित रूप से अपने कार्य पर उपस्थित रहे। बाद में जानकारी मिलने पर उन्होंने भी कार्य से विराम लिया। हालांकि, कुछ विद्यालयों में मध्यान्ह भोजन यथावत जारी रहा क्योंकि संबंधित कर्मचारियों को हड़ताल की सूचना नहीं मिली थी।
हड़ताल पर बैठीं सेविकाओं-सहायिकाओं ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए और मानदेय में वृद्धि की जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वर्षों से वे अल्प मानदेय पर काम कर रही हैं, लेकिन सरकार द्वारा उनकी मांगों की लगातार अनदेखी की जा रही है।
धरना स्थल पर सेविकाओं ने नारेबाजी करते हुए सरकार से शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने की मांग की। उनका कहना था कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपना आंदोलन जारी रखेंगी।
स्थानीय प्रशासन की ओर से फिलहाल स्थिति पर नजर रखी जा रही है। विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि मध्यान्ह भोजन बाधित होने की स्थिति में बच्चों के लिए वैकल्पिक भोजन की व्यवस्था की जाए ताकि उनकी पढ़ाई और पोषण पर असर न पड़े।