
लातेहार। शनिवार को सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना से आक्रोशित परिजनों व ग्रामवासियों ने रविवार को लातेहार सदर अस्पताल परिसर में जमकर प्रदर्शन किया और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस की लचर व्यवस्था को मौत का कारण बताते हुए कड़ी नाराजगी जताई।
इस दौरान मौके पर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राकेश कुमार दुबे, जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और नावागढ़ पंचायत के मुखिया प्रवेश उरांव मुख्य रूप से मौजूद रहे। राकेश दुबे ने बताया कि शनिवार को डुंडगी के पास एक सड़क दुर्घटना में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि एक दंपती गंभीर रूप से घायल हो गया था। घायल रामकृत उरांव को बेहतर इलाज के लिए रांची स्थित रिम्स रेफर किया गया था।
उन्होंने बताया कि घायल को रांची भेजने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध कराने में लगभग एक घंटे का विलंब हुआ। जब एंबुलेंस मिली भी, तो उसमें न एसी काम कर रहा था, न ही ऑक्सीजन या किसी अन्य आपात सुविधा की व्यवस्था थी। इस कारण गंभीर रूप से घायल रामकृत को रांची तक पहुंचाना जोखिम भरा साबित हुआ। उन्होंने बताया कि लगातार अनुरोध और प्रयास के बाद लगभग ढाई घंटे बाद एक बेहतर एंबुलेंस की व्यवस्था हो पाई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और रामकृत की रिम्स में मौत हो गई।
राकेश दुबे ने कहा कि अगर समय रहते उचित एंबुलेंस मिल जाती, तो घायल की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने लातेहार सदर अस्पताल सहित जिले के सभी अस्पतालों की एंबुलेंस व्यवस्था में सुधार की मांग की। साथ ही उन्होंने एजेंसी ‘सम्मान फाउंडेशन’ का टेंडर रद्द करने की मांग की, जो वर्तमान में एंबुलेंस सेवा का संचालन कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दो दिनों के भीतर मांगें पूरी नहीं की गईं, तो भाजपा जिला स्तर पर आंदोलन करेगी।
वहीं, जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव ने लातेहार सदर अस्पताल की व्यवस्थाओं पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यहां आम मरीजों के लिए कोई सुविधा नहीं है। अस्पताल प्रशासन दोहरी नीति पर काम कर रहा है। पदाधिकारियों के लिए अलग और आधुनिक एंबुलेंस की व्यवस्था है, जबकि आम लोगों को बेसुविधा वाले वाहनों में ले जाया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि आम जनता के लिए चलने वाली एंबुलेंस में न तो ऑक्सीजन है, न एसी, और न ही किसी प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा सुविधा।
इस घटना की जानकारी मिलते ही उपायुक्त के निर्देश पर अंचलाधिकारी अरविंद देवाशीष टोप्पो सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर उन्हें शांत किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन पूरी गंभीरता से मामले को देख रहा है और दो-तीन दिनों के भीतर एंबुलेंस सेवा समेत अस्पताल की अन्य समस्याओं का समाधान कर दिया जाएगा।
प्रशासन के आश्वासन के बाद प्रदर्शन समाप्त हुआ, लेकिन घटना ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली और आपात चिकित्सा सेवा की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने चेताया कि अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा।