
श्रीनगर। कश्मीर के पहलगाम में हाल में हुए नरसंहार के बाद घाटी में आतंकियों और उनके तंत्र के समूल नाश के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने चौतरफा कार्रवाई तेज कर दी है। शनिवार को भी यह अभियान पूरे जोर पर जारी रहा। आतंकियों के घरों को विस्फोटकों से गिराया जा रहा है, जबकि पूर्व आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों (OGWs) को चिन्हित कर उनके घरों की तलाशी और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
श्रीनगर में ही 64 पूर्व आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों के ठिकानों पर सघन तलाशी ली गई। वहीं अनंतनाग में 188 संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। कश्मीर के अन्य इलाकों में लगभग 2500 लोगों को स्थानीय थानों में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इसके अलावा जेलों में बंद 24 से अधिक आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों से भी पूछताछ की जा रही है।
आतंकियों के मकान ढहाए जा रहे
शनिवार को भी आतंकियों के घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी रही। शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शाहिद अहमद कूटे और कुलगाम में आतंकी जाकिर का मकान गिरा दिया गया। वहीं कुपवाड़ा जिले में लश्कर आतंकी फारूक और उसके एक अन्य साथी के मकान भी ध्वस्त कर दिए गए। शाम को शोपियां के जैनापोरा क्षेत्र में टीआरएफ के आतंकी अदनान शफी डार के मकान को भी विस्फोट कर गिराया गया। पिछले 24 घंटों में सुरक्षाबलों ने वादी में नौ आतंकियों के मकान विस्फोटकों से ध्वस्त किए हैं।
चौकसी और तलाशी अभियान तेज
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात डेरा डाले हुए हैं। वह खुद जिलों में जाकर आतंकरोधी अभियानों की समीक्षा कर रहे हैं। विक्टर फोर्स ने भी अपने कार्यक्षेत्र में सभी सैन्य कमांडरों को निर्देश दिया है कि आतंकरोधी अभियानों को तेज किया जाए और गश्त बढ़ाई जाए।
विशेष नाके और गिरफ्तारियां
घाटी भर में विभिन्न स्थानों पर विशेष नाके लगाए गए हैं। इन नाकों पर सुरक्षा बलों ने बीते दो दिनों में छह आतंक समर्थकों को हथियारों सहित गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ पर पहले से ही आतंकियों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का आरोप था।
एनआईए ने संभाली जांच
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम हमले की जांच का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है। श्रीनगर में एनआईए के आईजी विजय सखाने के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने जांच शुरू कर दी है। एनआईए हमले के स्थानीय और सीमा पार के सभी पहलुओं की जांच कर रही है।
हमले में मारे गए लोगों के परिजनों से पूछताछ
एनआईए की एक तीन सदस्यीय टीम ने दिल्ली से बंगाल पहुंचकर उन परिवारों से पूछताछ की, जिनके सदस्य पहलगाम हमले में मारे गए थे। टीम ने ओडिशा के बालेश्वर निवासी दिवंगत प्रशांत सतपथी की पत्नी प्रियदर्शिनी से भी बात की। इसके अलावा कोलकाता के वैष्णबघाटा निवासी बितान अधिकारी, साखेर बाजार (बेहला) के समीर गुहा और पुरुलिया के मनीष रंजन के परिवारों से भी पूछताछ कर हमले से जुड़ी जानकारियां जुटाई गईं।
कुलगाम और अनंतनाग में गहन तलाशी अभियान
अधिकारियों के अनुसार, तलाशी के दौरान संदिग्ध गतिविधियों से जुड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त की गई है। साथ ही संदिग्धों से यह जानने की कोशिश की जा रही है कि हमले में किसका क्या रोल था।
संदिग्धों से पूछताछ का दायरा बढ़ाया गया
घाटी में बीते चार से छह महीनों के दौरान गिरफ्तार आतंकियों और उनके ओवरग्राउंड वर्करों से जेल में भी पूछताछ की जा रही है। ‘खोजो और मारो’ (Search and Destroy) नीति के तहत लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। सुरक्षाबल आतंकियों के सभी ठिकानों को ध्वस्त कर रहे हैं और आतंकियों की मदद करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।
कश्मीर घाटी में आतंकरोधी अभियान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद और उसके नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। बड़े पैमाने पर तलाशी, गिरफ्तारी, पूछताछ और आतंकी ठिकानों का ध्वस्तीकरण यह दर्शाता है कि सरकार और सुरक्षा बल घाटी में स्थायी शांति स्थापना के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। एनआईए की जांच से उम्मीद है कि हमले की साजिश में शामिल हर चेहरा जल्द ही बेनकाब होगा।