
बरहरवा, राधानगर। रविवार को दोपहर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया जब मिट्टी से लदा एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर राधानगर गांव के एक अर्धनिर्मित मकान में घुस गया। सौभाग्यवश इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन इससे ग्रामीणों में डर और आक्रोश का माहौल बन गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह ट्रैक्टर बेगमगंज से मिट्टी लादकर सिरासिन की ओर जा रहा था। जैसे ही यह राधानगर हाईस्कूल मोड़ के पास पहुंचा, ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और ट्रैक्टर सीधे संजीव मंडल के अर्धनिर्मित मकान में जा घुसा। हादसे के वक्त घर के सभी सदस्य दूसरी ओर बैठे थे, जिससे किसी को चोट नहीं आई। अन्यथा इस दुर्घटना में जानमाल की भारी क्षति हो सकती थी।
घटना के तुरंत बाद आसपास के लोग घटनास्थल पर जमा हो गए। भीड़ ने ट्रैक्टर चालक की लापरवाही पर नाराज़गी जताई और प्रशासन से कठोर कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों ने बताया कि इस क्षेत्र से प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर बेगमगंज व राधानगर से मिट्टी लादकर बरहरवा थाना क्षेत्र के विभिन्न चिमनी भट्टों पर आपूर्ति करते हैं। इन ट्रैक्टरों की संख्या तो अधिक है ही, लेकिन सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि इनके चालक बेहद तेज रफ्तार से वाहन चलाते हैं, जिससे अक्सर सड़क दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।
घटना की जानकारी मिलते ही राधानगर थाना के एएसआई मनोज पासवान मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने घर मालिक संजीव मंडल से घटना की पूरी जानकारी ली और आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी तथा ज़रूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मौका नहीं है जब इस प्रकार की घटना घटी हो। ट्रैक्टर चालकों की लापरवाही और तेज रफ्तार से वाहन चलाने की वजह से पहले भी कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि प्रशासन ऐसे ट्रैक्टर चालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
इस हादसे ने एक बार फिर ट्रैक्टर चालकों की लापरवाही और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने अपील की है कि राधानगर हाईस्कूल मोड़ जैसे व्यस्त और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं, साथ ही नियमित रूप से ट्रैफिक निगरानी की जाए।
ग्रामीणों की ओर से यह भी सुझाव दिया गया है कि मिट्टी ढोने वाले ट्रैक्टरों के लिए निर्धारित समय और मार्ग तय किए जाएं, जिससे स्कूल के समय और व्यस्त घंटों में इनकी आवाजाही से आम नागरिकों को खतरा न हो।