
रांची। भाजपा नेता अनिल टाइगर उर्फ अनिल महतो की हत्या के मामले में रांची पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अमन सिंह, जिसान अख्तर, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इससे पहले ही एक अन्य आरोपी रोहित वर्मा को पुलिस ने एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस अब भी देवब्रत नाथ शाहदेव और अभिषेक सिन्हा की तलाश कर रही है, जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि हत्या का कारण खटंगा गांव की 10 एकड़ विवादित भूमि पर कब्जे को लेकर चल रहा पुराना विवाद था। इस भूमि पर देवब्रत नाथ शाहदेव कब्जा करना चाह रहे थे, जिसका अनिल टाइगर ग्रामीणों के सहयोग से लगातार विरोध कर रहे थे। कई बार दोनों पक्षों के बीच बातचीत हुई, लेकिन समाधान नहीं निकला।
वर्ष 2023 के अगस्त में देवब्रत ने जबरन इस जमीन पर चाहरदीवारी बनाकर कब्जा करने की कोशिश की थी। विरोध स्वरूप अनिल टाइगर ने ग्रामीणों के साथ मिलकर इसे रोक दिया। इसके जवाब में जमीन के केयरटेकर दिलीप कुमार मुंडा की शिकायत पर कांके थाने में अनिल समेत आठ नामजद और 50 अज्ञात लोगों पर केस दर्ज किया गया था।
घटना के बाद देवब्रत ने बार-बार जमीन पर कब्जा और बिक्री की कोशिशें की, लेकिन अनिल टाइगर ने हर बार इसका विरोध किया। पुलिस के अनुसार, इसके चलते देवब्रत को भारी नुकसान हो रहा था और उसने अनिल टाइगर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। दिसंबर 2023 में हरमू निवासी विनोद पासवान के घर एक समझौता बैठक भी हुई थी, जिसमें अनिल टाइगर ने जमीन के बदले प्रति डिसमिल 50 हजार रुपये यानी कुल साढ़े चार करोड़ रुपये की मांग रखी थी। समझौता न होने पर दोनों पक्षों में विवाद हुआ और देवब्रत ने अनिल को पिस्टल दिखाकर धमकी दी।
देवब्रत ने विवादित जमीन पर सांसद निधि से एप्रोच रोड बनवाने की योजना भी बनाई थी, जिसके लिए शिलान्यास कार्यक्रम तय किया गया था। लेकिन, जमीन के विवाद के चलते सांसद को विरोध का सामना करना पड़ा और कार्यक्रम रद्द हो गया। इससे नाराज़ होकर देवब्रत ने हत्या की सुपारी देने का निर्णय लिया।
पुलिस के मुताबिक, 12 मार्च को कोलकाता के उल्टा डांगा होटल में हत्या की योजना बनाई गई, जहां अभिषेक सिन्हा, अमन सिंह और रोहित वर्मा मौजूद थे और देवब्रत फोन पर निर्देश दे रहा था। 18 मार्च को अमन और रोहित रांची पहुंचे और होटल पिकनिक व अतर में रुके। इस दौरान हरमू रोड स्थित विशाल मेगामार्ट के पास उन्हें बाइक, पिस्टल और गोलियां सौंपी गईं।
18 से 26 मार्च तक दोनों ने अनिल टाइगर की रेकी की। 26 मार्च को अनिल टाइगर जब अपने घर से निकले, तब रोहित वर्मा ने बाइक से पीछा किया। सिदो-कान्हू पार्क के पास अमन सिंह भी उसके साथ जुड़ गया और कांके रोड पर दोनों ने मिलकर अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या कर दी।
घटना के बाद पुलिस ने रोहित वर्मा को मुठभेड़ में गोली मारकर पकड़ा, इलाज के बाद उसे जेल भेजा गया। सभी आरोपी एक-दूसरे से संपर्क में रहने के लिए टेलीग्राम, वाट्सएप और जंगी ऐप का इस्तेमाल कर रहे थे। पुलिस ने अब तक छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि देवब्रत नाथ शाहदेव और अभिषेक सिन्हा अब भी फरार हैं।