
(रिपोर्ट: प्रेम कुमार साहू, घाघरा)
- पुलिस कार्रवाई से भयभीत ग्रामीणों ने किया बहिष्कार, सामूहिक बैठक में लिया निर्णय
घाघरा (गुमला): झारखंड के गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में इस वर्ष रामनवमी का जुलूस नहीं निकलेगा। विगत सात दशकों से अनवरत रूप से निकलने वाले इस जुलूस को लेकर ग्रामीणों ने एक सामूहिक बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। इस फैसले के पीछे मुख्य कारण पिछले वर्ष दुर्गा पूजा के दौरान हुई पुलिस कार्रवाई से उपजा भय बताया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस बार किसी भी प्रकार के जुलूस, शोभायात्रा या मेले का आयोजन नहीं करेंगे।
दुर्गा पूजा प्रकरण का असर
बीते दुर्गा पूजा में चंदा विवाद को लेकर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई से ग्रामीणों में नाराजगी है। बैठक में शामिल लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने निष्पक्ष जांच करने के बजाय वीडियो फुटेज के आधार पर लोगों को आरोपी बना दिया, जिससे कई निर्दोष ग्रामीणों को परेशान होना पड़ा। इसी डर से इस बार रामनवमी का आयोजन नहीं करने का सामूहिक निर्णय लिया गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि दुर्गा पूजा के दौरान विवाद उत्पन्न होने के बाद पुलिस की लापरवाही के कारण स्थिति बिगड़ गई थी। घटना के समय थाना परिसर में सुरक्षित स्थान पर प्रशासन द्वारा समुचित व्यवस्था नहीं की गई थी। साथ ही, जब पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे तो वे सादे लिबास में थे, जिससे लोगों को पहचानने में कठिनाई हुई और स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गई। इसके बावजूद, पुलिस अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि कई निर्दोष लोगों को कानूनी पचड़े में फंसा दिया गया।
रामनवमी जुलूस न निकालने का कारण
रामनवमी के दौरान निकलने वाले जुलूस में पारंपरिक रूप से हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जुलूस निकाला जाता है और किसी असामाजिक तत्व द्वारा कोई अनहोनी घटना घटित होती है, तो फिर से निर्दोष लोगों को पुलिस कार्रवाई का शिकार बनना पड़ सकता है। इसी भय के कारण इस बार रामनवमी के आयोजन को पूरी तरह से स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
स्थानीय लोगों ने यह भी कहा कि अब तो कई लोग शांति समिति की बैठकों में भी शामिल होने से कतराने लगे हैं, क्योंकि उन्हें प्रशासन पर भरोसा नहीं रह गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने राजनीतिक दबाव में आकर पक्षपातपूर्ण तरीके से कार्रवाई की थी, जिससे लोगों में आक्रोश और असुरक्षा की भावना घर कर गई है।
बैठक में मौजूद गणमान्य लोग
घाघरा हाई स्कूल मैदान में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से बिपिन बिहारी सिंह, अशोक उरांव, रमेश गुप्ता, अखिलेश्वर साहू, नीरज जायसवाल, अमित ठाकुर, प्रवीण कुमार, दिनेश नाग, विक्की साहू, सूचित गोस्वामी, नीरज कुमार, मुकेश कुमार, संतोष गुप्ता, प्रभात साहू, सुलेश्वर साहू, परमेश्वर साय, नीरज कुमार साहू, घनश्याम सिंह, रामु सिंह, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार, सुदन महतो, विशाल साहू और पवन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
ग्रामीणों की मांग: निष्पक्ष जांच और निर्दोषों की रिहाई
बैठक में उपस्थित लोगों ने प्रशासन से मांग की कि दुर्गा पूजा प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जिन निर्दोष लोगों को आरोपी बनाया गया है, उन्हें न्याय मिले। ग्रामीणों ने प्रशासन से आग्रह किया कि भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसके लिए पुलिस को निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई करनी चाहिए।
समाप्ति: घाघरा में अब तक नहीं हुआ ऐसा फैसला
यह पहली बार है जब घाघरा में रामनवमी का जुलूस नहीं निकलेगा। सात दशकों से चली आ रही इस परंपरा को इस बार स्थगित करने का निर्णय गांव के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता और प्रशासन की निष्पक्षता पर भरोसा नहीं बनता, तब तक वे किसी भी बड़े धार्मिक आयोजन से दूरी बनाए रखेंगे।