
बालूमाथ, लातेहार: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) बालूमाथ की अव्यवस्था और लापरवाही ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर कर दिया है। जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने होली के दिन अस्पताल का निरीक्षण किया, जिसमें गंभीर अनियमितताएँ सामने आईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि तीन प्रखंड—बालूमाथ, हेरहंज और बरियातू—के लिए नियुक्त कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर मुख्यालय में उपस्थित नहीं था।
डॉक्टरों की अनुपस्थिति से मरीज परेशान
CHC बालूमाथ में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा एक एमबीबीएस डॉक्टर पदस्थापित हैं, जबकि एक अन्य डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर हैं। लेकिन होली की सुबह, जब इमरजेंसी सेवाओं की सबसे अधिक आवश्यकता होती है, उस समय अस्पताल में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर मौजूद नहीं था। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी स्वयं छुट्टी पर थे, जो आश्चर्यजनक है कि उन्हें त्योहार के दौरान छुट्टी की अनुमति किसने दी।
इमर्जेंसी में केवल एक डॉक्टर, डॉ. सुरेंद्र, मौजूद थे, जो कि होम्योपैथी चिकित्सक हैं, लेकिन एलोपैथिक दवाएं लिख रहे थे। यह स्पष्ट रूप से स्वास्थ्य सेवा मानकों के उल्लंघन का मामला है।

डॉक्टरों की गैरहाजिरी और निजी प्रैक्टिस का मामला
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि डॉ. ध्रुव सत्य महतो और डॉ. सिद्धार्थ बिना किसी सूचना या अनुमति के मुख्यालय से बाहर थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि डॉ. सिद्धार्थ चतरा में एक निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते हैं और अक्सर मुख्यालय में नहीं रहते। यह सरकारी सेवा में रहते हुए निजी प्रैक्टिस करने का गंभीर मामला है।
इस लापरवाही को देखते हुए जिला परिषद उपाध्यक्ष अनीता देवी ने कहा कि इस संबंध में सिविल सर्जन और उपायुक्त से शिकायत की जाएगी। इसके अलावा, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को अगले दिन सुबह 10:00 बजे अस्पताल में बुलाया गया है।
अस्पताल में अव्यवस्था और सुविधाओं का अभाव
निरीक्षण के दौरान अस्पताल की कई खामियां उजागर हुईं—
- चिकित्सकों की ड्यूटी का कोई रोस्टर मौजूद नहीं था। जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि रोस्टर साफ-सफाई के दौरान फट गया।
- सूचना बोर्ड पर 2 साल पुरानी जानकारी दर्ज थी। बोर्ड के अनुसार, डॉ. दिनेश कुमार लातेहार के सिविल सर्जन हैं और डॉ. सुरेश कुमार राम बालूमाथ के चिकित्सा पदाधिकारी हैं, जबकि वर्तमान स्थिति कुछ और ही है।
- मरीजों के बेड के ऊपर पंखे नहीं लगे थे, जिससे मरीजों को गर्मी में परेशानी झेलनी पड़ रही थी।
- अस्पताल में एकमात्र कूलर भी गायब था, जिससे स्पष्ट होता है कि स्वास्थ्य सुविधाओं की कोई निगरानी नहीं की जा रही।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग
अनीता देवी ने कहा कि चिकित्सकों की कमी राज्यस्तरीय समस्या है, लेकिन जो डॉक्टर उपलब्ध हैं, उन्हें कम से कम अपनी ड्यूटी ईमानदारी से निभानी चाहिए। यदि तीनों एमबीबीएस डॉक्टर रोस्टर के अनुसार ड्यूटी करें और मुख्यालय में रहें, तो आम जनता को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से मिल सकती हैं।
सरकार से कार्रवाई की अपील
अस्पताल में व्याप्त इन अनियमितताओं को देखते हुए जिला परिषद उपाध्यक्ष ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।