
आज पूरे देश में रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। वहीं, रमजान के पाक महीने के पहले जुमे की नमाज भी आज ही अदा की गई। यह संयोग 64 साल बाद पहली बार हुआ है, इससे पहले 4 मार्च 1961 को ऐसा संयोग बना था। इस विशेष अवसर को देखते हुए देशभर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
संवेदनशील राज्यों में कड़ी निगरानी
होली और रमजान का यह संयोग किसी भी प्रकार की अव्यवस्था या अशांति को रोकने के लिए प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती था। इसे ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान जैसे संवेदनशील राज्यों में पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क रहा।
- संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया गया।
- ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है।
- सोशल मीडिया पर भी विशेष नजर रखी जा रही है ताकि अफवाहों को फैलने से रोका जा सके।
उत्तर प्रदेश में विशेष इंतजाम
उत्तर प्रदेश के कई जिलों में विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। खासकर बरेली, शाहजहांपुर, अलीगढ़, संभल और अन्य संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरती गई। यहां की मस्जिदों को तिरपाल से ढंका गया ताकि होली के जुलूस के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना न हो।
शाहजहांपुर में होली पर परंपरागत ‘लाट साहब’ का जुलूस निकला, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। पुलिस इस जुलूस के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रही। हालांकि, जुलूस के पीछे चल रहे कुछ युवाओं ने अचानक पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उपद्रवियों को दौड़ाकर काबू में किया। करीब 10-15 मिनट बाद स्थिति नियंत्रण में आ गई और जुलूस शांति पूर्वक संपन्न हुआ। पुलिस द्वारा अब हुड़दंगियों की पहचान की जा रही है। यह घटना शाहजहांपुर के सदर बाजार थाना क्षेत्र के खेरनीबाग इलाके में घटी।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विशेष व्यवस्था
मध्य प्रदेश के इंदौर के महू में पुलिस प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि यदि होली के रंगों से किसी को परेशानी होती है, तो वे मस्जिदों को प्लास्टिक से कवर कर सकते हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। इसके अलावा, शहर में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
वहीं, छत्तीसगढ़ में प्रशासन ने भी एहतियातन कदम उठाए। वहां के अधिकारियों ने रमजान के पहले जुमे की नमाज के समय में बदलाव किया। ताकि नमाज के वक्त होली के उत्सव के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो। सामान्यतः दोपहर 1 बजे पढ़ी जाने वाली जुमे की नमाज को इस विशेष अवसर पर दोपहर 2 से 3 बजे के बीच निर्धारित किया गया।
देशभर में रहा पुलिस का कड़ा पहरा
देशभर के संवेदनशील इलाकों में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन अलर्ट रहा। कई राज्यों में फ्लैग मार्च निकाला गया, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, और राजस्थान में ड्रोन और सीसीटीवी के जरिए निगरानी रखी गई। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी गई।
धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने के प्रयास
रमजान के दौरान इबादत करने वाले लोगों की सुविधा के लिए प्रशासन ने कई एहतियाती कदम उठाए। इंदौर के महू में पुलिस प्रशासन ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि यदि होली के रंगों से कोई असुविधा होती है, तो मस्जिदों को प्लास्टिक से ढंक दिया जाए। कई मस्जिदों को विवाद से बचाने के लिए तिरपाल से ढंका गया।
छत्तीसगढ़ में भी जुमे की नमाज का समय बदलकर दोपहर 1 बजे से 2 से 3 बजे के बीच कर दिया गया, ताकि होली के उत्सव और नमाज के समय के बीच टकराव से बचा जा सके।
सांप्रदायिक सौहार्द के प्रयास
देशभर में धार्मिक सौहार्द बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन ने काफी प्रयास किए। स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय बनाकर किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए सतर्कता बरती गई। धार्मिक स्थलों पर रंग न लगे, इसके लिए कई जगहों पर विशेष व्यवस्था की गई।
होली और रमजान के एक साथ पड़ने के कारण विशेष रणनीति बनाई गई थी ताकि किसी भी धार्मिक आयोजन में कोई बाधा न आए।
होली का उल्लास
इन सुरक्षा प्रबंधों के बीच देशभर में होली की धूम रही। लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर इस पर्व का आनंद लेते नजर आए। घरों में विशेष पकवान बनाए गए और लोग एक-दूसरे से मिलकर खुशियां बांटते दिखे।
वहीं, कई स्थानों पर प्रशासन के सख्त रवैये की झलक भी देखने को मिली, जहां हुड़दंग मचाने वालों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई।
निष्कर्ष
होली और रमजान के संयोग के कारण प्रशासन के सामने सुरक्षा एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन देशभर में प्रशासन की मुस्तैदी और सतर्कता के कारण दोनों पर्व शांतिपूर्ण ढंग से मनाए गए। किसी भी बड़े हिंसक घटनाक्रम की सूचना नहीं मिली, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू किया गया। अधिकारियों का कहना है कि आगे भी इस तरह के आयोजनों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वे तत्पर रहेंगे, ताकि देश में सौहार्द्र और शांति बनी रहे।
यह दुर्लभ संयोग देश की गंगा-जमुनी तहजीब को और मजबूती देने का एक उदाहरण बना। दोनों समुदायों ने मिलकर इस मौके पर भाईचारे और एकता की मिसाल पेश की, जिससे यह दिन पूरे देश के लिए ऐतिहासिक बन गया।