खनन और वन विभाग की मनमानी के खिलाफ ट्रक मालिकों का विरोध

खनन और वन विभाग की मनमानी के खिलाफ ट्रक मालिकों का विरोध

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खनन और वन विभाग की मनमानी के खिलाफ ट्रक मालिकों का विरोध

गुमला। गुमला जिला खनन पदाधिकारी एवं वन विभाग की मनमानी के खिलाफ लोहरदगा-गुमला ट्रक ऑनर एसोसिएशन ने बड़ा कदम उठाने का ऐलान किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष कवलजीत सिंह ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि प्रशासनिक दबाव और अत्याचार के खिलाफ ट्रक मालिक अब चुप नहीं बैठेंगे। यदि जल्द ही ट्रक मालिकों का शोषण बंद नहीं किया गया, तो लगभग 2000 ट्रकों का परिचालन ठप कर दिया जाएगा, जिससे सरकार को भारी राजस्व हानि होगी।

खनन पदाधिकारी की तानाशाही से परेशान ट्रक मालिक

कवलजीत सिंह ने बताया कि गुमला के खनन पदाधिकारी ट्रक मालिकों पर अनावश्यक दबाव बना रहे हैं। बॉक्साइट परिवहन करने वाले ट्रकों को 4 घंटे में 100 किलोमीटर और 5-6 घंटे में 150-200 किलोमीटर की दूरी तय करने का आदेश दिया गया है। यदि तय समय पर ट्रक नहीं पहुंचते, तो ट्रक मालिकों और चालकों पर केस दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। जरा-सी देरी होने पर 50,000 से 60,000 रुपये तक का भारी-भरकम जुर्माना लगाया जा रहा है।

कठिनाइयों की अनदेखी से बढ़ रहा सड़क हादसों का खतरा

एसोसिएशन ने सवाल उठाया कि इतनी तेज रफ्तार में ट्रक चलाना सड़क हादसों को न्योता देने जैसा है। ट्रक चालकों को परिवहन के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है—
हाट-बाजार और स्कूलों की भीड़
नो-एंट्री प्रतिबंध और वीआईपी मूवमेंट
धरना-प्रदर्शन और धार्मिक आयोजन
सड़क जाम और ट्रकों की खराबी या पंचर की स्थिति

यदि प्रशासन को लगता है कि ट्रक 4 घंटे में तय दूरी पूरी कर सकता है, तो उन्हें खुद आकर ट्रक चला कर दिखाना चाहिए।

वन विभाग भी कर रहा अवैध हस्तक्षेप

कवलजीत सिंह ने आरोप लगाया कि गुमला वन विभाग भी ट्रक मालिकों को अनावश्यक रूप से परेशान कर रहा है। वन विभाग का काम वन-संबंधित दस्तावेजों की जांच करना होता है, लेकिन वे खनन विभाग की तरह पेपर और ट्रक की टाइमिंग की जांच करने में लगे हुए हैं। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि यदि वन विभाग को डीएमओ (खनन पदाधिकारी) का कार्य ही संभालना है, तो डीएमओ ऑफिस को बंद कर देना चाहिए

परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल

एसोसिएशन ने गुमला जिला परिवहन पदाधिकारी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। कवलजीत सिंह ने कहा कि एक ओर परिवहन विभाग परमिट जारी नहीं कर रहा है, दूसरी ओर परमिट के अभाव में ट्रकों से 10,000 रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है। यदि यह अत्याचार जारी रहा, तो परिवहन कार्यालय का घेराव किया जाएगा और विभाग को यह बताना होगा कि बिना परमिट जारी किए वे फाइन क्यों वसूल रहे हैं।

एसोसिएशन का अल्टीमेटम – नहीं सुधरे तो ठप होगा ट्रक परिचालन

एसोसिएशन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि खनन, वन और परिवहन विभाग के अधिकारी अपनी मनमानी बंद नहीं करते, तो 2000 ट्रकों का परिचालन अनिश्चितकाल के लिए रोक दिया जाएगा। इससे न सिर्फ ट्रक मालिकों को राहत मिलेगी, बल्कि सरकार को प्रतिदिन लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा।

एसोसिएशन ने प्रशासन को आगाह करते हुए कहा कि अगर ट्रक मालिकों के शोषण और दोहन को नहीं रोका गया, तो इसका सीधा जवाब सड़क पर विरोध प्रदर्शन के रूप में दिया जाएगा

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