
संवाददाता: अनुज तिवारी
सदर मेदिनीनगर: संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के अवसर पर सदर प्रखंड क्षेत्र के लहलहे और आसपास के इलाकों में बड़े ही धूमधाम से कार्यक्रम आयोजित किए गए। अंबेडकर जयंती पर लोगों ने उनकी प्रतिमा स्थापित कर श्रद्धा पूर्वक पूजा-अर्चना की और उनके योगदान को याद किया। इस अवसर पर एक भव्य जुलूस भी निकाला गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।
शोभायात्रा में गूंजे जय भीम के नारे
जुलूस के दौरान “जय भीम” और “बाबा साहब अमर रहें” के नारों से वातावरण गूंज उठा। युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे पारंपरिक परिधानों में नजर आए। विभिन्न संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी इस जुलूस में भाग लिया। जुलूस में शामिल लोगों ने डॉ. अंबेडकर के आदर्शों और विचारों को अपनाने का संकल्प लिया।
समाज में एकता और समरसता का दिया संदेश
कार्यक्रम के दौरान पंचायत समिति सदस्य (पंसस) प्रतिनिधि सुभाष तिवारी ने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हमें समानता, बंधुत्व और न्याय का संदेश दिया है। उन्होंने कहा, “अगर मन सच्चा हो, तो कठवत में भी गंगा होती है। हमें बाबा साहब के विचारों को आत्मसात कर समाज में समरसता बनाए रखनी चाहिए।”
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से सजी शाम
कार्यक्रम के अंत में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी हुईं, जिसमें स्कूली बच्चों ने अंबेडकर जी के जीवन पर आधारित नाटक, गीत और कविताएं प्रस्तुत कीं। इस दौरान वक्ताओं ने उनके जीवन से जुड़े प्रेरणादायक प्रसंग भी साझा किए।
समाप्ति पर सामूहिक भोज का आयोजन
समारोह के समापन पर सामूहिक भोज का आयोजन किया गया, जिसमें सभी जाति, धर्म और वर्ग के लोगों ने एक साथ भोजन कर सामाजिक एकता का संदेश दिया।
इस प्रकार, संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती श्रद्धा, भक्ति और जोश के साथ मनाई गई, जिसमें लोगों ने उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।