
उपायुक्त का सख्त निर्देश – अवैध खेती करने वालों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई
लातेहार जिले में अफीम की अवैध खेती के बढ़ते मामलों को लेकर जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। उपायुक्त श्री उत्कर्ष गुप्ता ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि जिले में कहीं भी अवैध रूप से अफीम की खेती नहीं होने दी जाएगी और यदि ऐसा कोई मामला सामने आता है तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने इस अभियान को बेहद गंभीरता से लिया है और जिले के बरियातू, बालूमाथ और हेरहंज प्रखंडों में अफीम की खेती को नष्ट करने का अभियान चलाया गया है। इसके साथ ही संबंधित थानों और अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमित रूप से अपने क्षेत्रों का निरीक्षण करें और अफीम की खेती की पहचान कर उसे नष्ट करें।
हर तीन-चार दिन में जांच का निर्देश
जिला प्रशासन ने इस अवैध गतिविधि पर अंकुश लगाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। उपायुक्त ने सभी अंचल अधिकारियों और थाना प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रत्येक तीन से चार दिन के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों में जांच करें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी अवैध अफीम की खेती न हो। अगर कोई किसान या व्यक्ति अवैध रूप से अफीम की खेती करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ NDPS एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि कार्रवाई के दौरान यह जांच की जाएगी कि खेती निजी (रैयती) जमीन पर की गई है या फिर गैरमजरूआ या वन भूमि पर। इसके लिए प्रत्येक विनष्टीकरण (नष्ट करने की प्रक्रिया) के दौरान वन विभाग और संबंधित अंचल कार्यालय के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा, ताकि भूमि के प्रकार की सही जानकारी प्राप्त हो सके।

अफीम की खेती करने वालों पर होगी कानूनी कार्रवाई
अवैध अफीम की खेती करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय समाज के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है। अफीम की खेती से न केवल नशे के अवैध कारोबार को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह सामाजिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाता है।
प्रशासन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि कोई व्यक्ति रैयती भूमि पर अवैध अफीम की खेती करता पाया जाता है, तो उसे NDPS अधिनियम की धारा 46 के तहत नोटिस जारी किया जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन का संकल्प – जड़ से खत्म होगी अवैध अफीम की खेती
लातेहार जिले में प्रशासन इस अवैध कारोबार को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि किसी भी स्थिति में अफीम की खेती को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा और प्रशासन इसे जड़ से खत्म करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।
अभी तक की गई कार्रवाई में कई क्षेत्रों में अफीम की खेती नष्ट की गई है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि खेती किस तरह की जमीन पर की गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए अब विनष्टीकरण प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाया जा रहा है।
स्थानीय जनता से सहयोग की अपील
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि यदि उन्हें अपने आसपास कहीं भी अवैध अफीम की खेती के बारे में जानकारी मिले तो वे तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को सूचित करें। उपायुक्त ने कहा कि समाज से इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन के साथ-साथ जनता की भागीदारी भी जरूरी है।
अफीम की खेती पर प्रशासन का कड़ा रुख
- हर तीन-चार दिन में निरीक्षण का आदेश – सभी अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी नियमित रूप से जांच करेंगे।
- अवैध खेती करने वालों पर NDPS एक्ट के तहत कार्रवाई – दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।
- अफीम के पौधों का पूरी तरह विनष्टीकरण – कहीं भी खेती मिली तो तत्काल नष्ट किया जाएगा।
- जमीन की स्थिति की सही जांच – यह पता लगाया जाएगा कि खेती निजी भूमि पर हुई है या सरकारी/वन भूमि पर।
- जनता से सहयोग की अपील – लोग प्रशासन को सूचित करें ताकि अवैध खेती पर पूरी तरह रोक लगाई जा सके।
लातेहार जिले में अफीम की अवैध खेती पर प्रशासन की सख्ती जारी है। उपायुक्त के नेतृत्व में लगातार छापेमारी और विनष्टीकरण की कार्रवाई की जा रही है। प्रशासन का यह संकल्प है कि जिले को इस अवैध कारोबार से पूरी तरह मुक्त किया जाएगा। अफीम की खेती न केवल कानूनी अपराध है, बल्कि यह समाज को भी बर्बाद कर सकता है। ऐसे में प्रशासन ने सख्त चेतावनी दी है कि दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।