
प्रयागराज – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। इस विशेष धार्मिक आयोजन में प्रधानमंत्री ने 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों सहित 26 संतों के साथ गंगा पूजन भी किया।
संगम में पुण्य स्नान और मंत्रोच्चार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह प्रयागराज पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया। बमरौली एयरपोर्ट से वे हेलिकॉप्टर द्वारा नैनी स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल के हेलीपैड पर उतरे। वहां से अरैल घाट पहुंचे और फिर नाव के माध्यम से संगम स्थल तक गए। प्रधानमंत्री ने भगवा वस्त्र धारण कर त्रिवेणी संगम में स्नान किया और सूर्य को अर्घ्य दिया।
गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर प्रधानमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजा-अर्चना की। इस दौरान, उन्होंने संत समाज से आशीर्वाद प्राप्त किया और भारतीय संस्कृति व आध्यात्मिकता के महत्व को रेखांकित किया।

13 अखाड़ों के संतों के साथ पूजन
महाकुंभ के इस विशेष अवसर पर प्रधानमंत्री ने 13 अखाड़ों के आचार्य महामंडलेश्वरों और 26 प्रमुख संतों के साथ गंगा पूजन किया। इस दौरान उन्होंने अखाड़ों के प्रमुख संतों से वार्ता की और उनकी समस्याओं व सुझावों को भी सुना। गंगा पूजन के समय वैदिक मंत्र गूंज रहे थे, जिससे पूरे माहौल में भक्तिमय ऊर्जा का संचार हुआ।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा,
“महाकुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और सभ्यता की महान परंपरा का जीवंत स्वरूप है। संगम में स्नान करना सौभाग्य की बात है, यह एक आध्यात्मिक यात्रा है जो आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करती है।”
महाकुंभ के लिए विशेष व्यवस्थाएं
प्रधानमंत्री के आगमन के मद्देनजर प्रयागराज में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस, एसपीजी और अर्धसैनिक बलों की विशेष तैनाती की गई थी। महाकुंभ में देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु स्नान के लिए आ रहे हैं, जिसे देखते हुए सरकार ने यातायात, चिकित्सा और स्वच्छता संबंधी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया है।

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
महाकुंभ 2025 का यह आयोजन 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा) से शुरू हुआ है और 26 फरवरी (महाशिवरात्रि) तक चलेगा। इस दौरान करोड़ों श्रद्धालु देश-विदेश से संगम स्नान के लिए आ रहे हैं। इस वर्ष महाकुंभ में डिजिटल तकनीक का भी उपयोग किया गया है, जिससे तीर्थयात्रियों को सुविधाएं मिल रही हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि महाकुंभ भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण है और यह हमारी संस्कृति को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान देता है। उन्होंने जनता से अपील की कि अधिक से अधिक श्रद्धालु इस पुण्य अवसर का लाभ उठाएं और देश की सांस्कृतिक धरोहर को संजोए रखें।
इस धार्मिक यात्रा के बाद प्रधानमंत्री विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी निरीक्षण करेंगे और प्रयागराज में कई योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। उनका यह दौरा आध्यात्मिक और विकासात्मक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।