
रांची: अबुवा बजट को लेकर आमया संगठन द्वारा अंजुमन प्लाजा रांची में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन चर्चा की गई। इस अवसर पर संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष एस अली ने मुख्यमंत्री और विभिन्न विभागीय मंत्रियों को एक प्रस्ताव पत्र जारी किया। इस पत्र में अल्पसंख्यकों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की मांग की गई है।
प्रमुख मांगें:
- अल्पसंख्यक प्रभाग के बजट में बढ़ोतरी: एस अली ने मांग की कि अल्पसंख्यक प्रभाग का बजट बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये किया जाए, ताकि समाज के पिछड़े वर्ग की बेहतर आर्थिक स्थिति सुनिश्चित की जा सके।
- मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना में अल्पसंख्यक युवकों के लिए बजट: अल्पसंख्यक युवकों के लिए मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का बजट 200 करोड़ रुपये किया जाए, जिससे अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
- प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना: अल्पसंख्यक बच्चों के लिए प्री-मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना शुरू करने की मांग की गई, ताकि उनकी शिक्षा में कोई रुकावट न आए और वे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकें।
- जिला स्तर पर +2 आवासीय विद्यालय: एस अली ने सुझाव दिया कि प्रत्येक जिले में अल्पसंख्यक बच्चों के लिए +2 स्तर के आवासीय विद्यालय खोले जाएं, ताकि वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें।
- स्मार्ट क्लासरूम योजना: अल्पसंख्यक विद्यालयों और मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना की जाए, जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार हो सके और बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने का अवसर मिले।
- महिला छात्रावास का निर्माण: रांची जैसी प्रमुख शहरों में अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए छात्रावास बनाने की आवश्यकता है, ताकि उन्हें सुरक्षित आवास मिल सके और उनकी शिक्षा में कोई विघ्न न आए।
- रोजगारोन्मुखी स्किल्ड ट्रेनिंग: अल्पसंख्यक युवक-युवतियों के लिए रोजगारोन्मुखी स्किल्ड ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू करने की बात की गई, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें।
- लाइब्रेरी और कम्यूनिटी हॉल निर्माण: अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में लाइब्रेरी और कम्यूनिटी हॉल बनाने की मांग की गई, ताकि वहां के लोग बेहतर जानकारी प्राप्त कर सकें और सामाजिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले।
- शादी सहायता योजना: अल्पसंख्यक लड़कियों के लिए शादी सहायता योजना की शुरुआत की जाए, ताकि उनके जीवन को स्थिरता मिल सके।
- अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना: एस अली ने झारखंड में मौलाना आजाद अरबी फारसी विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग की, ताकि अल्पसंख्यक छात्रों को उर्दू, अरबी और फारसी के क्षेत्र में उच्च शिक्षा का अवसर मिल सके।
- निशुल्क कोचिंग योजनाएं: यूपीएससी और जेपीएससी जैसे महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक छात्रों को निशुल्क कोचिंग देने की योजना पर भी विचार किया गया।
समाज कल्याण और ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित योजनाएं:
- फातिमा शेख किशोरी समृद्धि योजना: समाज कल्याण विभाग से संबंधित एक नई योजना ‘फातिमा शेख किशोरी समृद्धि योजना’ शुरू की जाए, जो अल्पसंख्यक महिलाओं और लड़कियों के लिए विशेष रूप से डिजाइन की जाए।
- प्रोत्साहन अभियान: ‘फूलो झानो आशीर्वाद अभियान’ के तर्ज पर, अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए ‘फातिमा शेख प्रोत्साहन अभियान’ की शुरुआत की जाए।
- सड़क और पुल निर्माण योजना: अल्पसंख्यक गांवों और पंचायतों में सड़क और पुल निर्माण की योजना शुरू की जाए, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संपर्क बेहतर हो सके।
कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सुधार:
- कृषि उपकरण वितरण योजना: अल्पसंख्यक किसानों के लिए डीप बोरिंग, सोलर पंप, ट्रैक्टर और कृषि उपकरणों की वितरण योजना शुरू की जाए, ताकि उनकी कृषि उत्पादन क्षमता बढ़ सके।
- पशुधन योजनाएं: अल्पसंख्यकों के जीविकोपार्जन के लिए पशुधन योजनाओं की शुरुआत की जाए, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।
स्वास्थ्य और पेयजल विभाग:
- स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना: अल्पसंख्यक बहुल पंचायतों और निगम वार्डों में स्वास्थ्य केन्द्र खोलने की आवश्यकता है, ताकि वहां के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
- पेयजल योजनाएं: अल्पसंख्यक बहुल गांवों और पंचायतों में पेयजल निर्माण योजनाओं की शुरुआत की जाए, ताकि लोगों को शुद्ध और सुरक्षित पानी मिल सके।
भूमि सुधार योजनाएं:
- भूमिहीनों के लिए भूमि बंदोबस्त: अल्पसंख्यक समुदाय के भूमिहीन लोगों को 5डी0 भूमि बंदोबस्त करने की योजना बनाई जाए।
- धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के लिए भूमि पट्टा: सरकारी भूमि पर 30 वर्ष या अधिक समय से अवस्थित अल्पसंख्यक धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों के लिए भूमि पट्टा योजना शुरू की जाए।
संगठन के पदाधिकारी और सहभागिता:
इस अवसर पर आमया संगठन के पदाधिकारी जैसे जियाउद्दीन अंसारी, मो फुरकान, एकराम हुसैन, मौलाना फजलूल कदीर, शाहिद अफरोज, औरंगजेब आलम, अलाउद्दीन अंसारी, जावेद अंसारी, अब्दुल बारी, सिद्दीक अंसारी, असलम अंसारी, हसन अंसारी, इमरान जिलानी आदि उपस्थित थे।
संगठन ने इन योजनाओं को शीघ्र कार्यान्वित करने की मांग की, ताकि अल्पसंख्यक समुदाय को बेहतर जीवन और समृद्धि का अवसर मिल सके।