
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) यूजर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लगातार नए नियम बना रहा है, ताकि उन्हें बेहतर सेवा मिल सके। ट्राई के नए नियमों में एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है, जिसके तहत यूजर्स को फर्जी और अवांछित मैसेज से राहत मिलने की संभावना है। इस महीने ट्राई एक नया पायलेट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है, जिससे उपयोगकर्ताओं को केवल वही मैसेज प्राप्त होंगे जो वे स्वयं चुनेंगे, जबकि अन्य अवांछित संदेशों को फिल्टर किया जाएगा। यह कदम ट्राई ने इस उद्देश्य के तहत उठाया है कि यूजर्स को अनचाहे बिजनेस और विज्ञापन मैसेजों से छुटकारा मिले।
ट्राई ने स्पष्ट किया है कि यह पहल यूजर्स को उनके व्यक्तिगत और व्यावसायिक जरूरतों के हिसाब से मैसेज प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए की जा रही है। नए नियमों के तहत अब यूजर्स अपनी पसंद के अनुसार केवल वे मैसेज प्राप्त कर सकेंगे, जिन्हें वे चुनते हैं, जैसे कि व्यक्तिगत, बैंकिंग, या सरकारी सेवाओं से संबंधित जानकारी। इस पहल से न केवल यूजर्स को अनचाहे संदेशों से निजात मिलेगी, बल्कि उन्हें सटीक और जरूरतमंद जानकारी भी प्राप्त होगी।
इसके अलावा, ट्राई ने सभी टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया है कि वे एक प्रभावी और उपयुक्त डीएनडी (डू नॉट डिस्टर्ब) सेवा शुरू करें। इस सेवा के तहत, यूजर्स अपनी पसंद के हिसाब से उन संदेशों को प्राप्त करने का चयन कर सकेंगे जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं और अन्य सभी अवांछित संदेशों को ब्लॉक किया जा सकेगा। ट्राई का यह कदम इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण है कि ग्राहक को अपनी सुविधा के अनुसार सेवाएं मिलें, और उन्हें केवल वही संदेश मिलें जिनकी उन्हें आवश्यकता हो।
इस नई प्रक्रिया के तहत, ट्राई ने एक डिजिटल वितरण लेजर तकनीक (डीएलटी) मंच की शुरुआत की है। इस मंच पर सभी प्रमुख संस्थाएं जैसे कि बैंक, वित्तीय संस्थाएं, सरकारी एजेंसियां, और टेलीमार्केटिंग कंपनियां एकत्रित होंगी। इस प्रणाली में कंपनियों को यह बताना होगा कि वे एसएमएस भेजने के लिए कौन सी प्रक्रिया अपना रही हैं।

इसके जरिए ट्राई को यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि संदेशों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता की जांच सही तरीके से की जा रही है। जब कोई संदेश भेजने के लिए तैयार होगा, तो उसे ट्राई के जरिए यह जांचा जाएगा कि क्या वह संदेश उपयोगकर्ता के लिए उपयुक्त है या नहीं। यदि वह संदेश अवांछित या स्पैम है, तो उसे यूजर के पास पहुंचने से पहले ही ब्लॉक कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही, ट्राई ने कंपनियों से यह भी कहा है कि वे वॉयस कॉल और एसएमएस के लिए अलग-अलग टैरिफ वाउचर प्लान पेश करें। इसके माध्यम से, कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि जो ग्राहक डेटा का उपयोग नहीं करते हैं, उन्हें कम खर्च में सेवा मिल सके। यह कदम खासतौर पर उन ग्राहकों के लिए लाभकारी होगा जो केवल वॉयस कॉल और एसएमएस सेवा का उपयोग करते हैं, और जिन्हें डेटा प्लान की आवश्यकता नहीं होती।
ट्राई के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी ने इस बारे में कहा है कि कंपनियां ग्राहकों को डेटा प्लान लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकती हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इस बदलाव से ग्राहकों को यह अधिकार मिलेगा कि वे अपनी आवश्यकता के अनुसार डेटा प्लान का चुनाव करें या न करें, और उन्हें किसी भी प्रकार का अनावश्यक दबाव महसूस नहीं होगा।
इसके अतिरिक्त, अगर कोई ग्राहक किसी विशिष्ट सर्विस ऑपरेटर या विक्रेता से प्राप्त मैसेज या कॉल को स्पैम समझता है और इसकी शिकायत करता है, तो ट्राई यह सुनिश्चित करेगा कि भविष्य में उस ऑपरेटर से ऐसे मैसेज ग्राहक को न भेजे जाएं। यह कदम ग्राहकों को ज्यादा नियंत्रण देगा और उन्हें यह महसूस होगा कि उनकी परेशानियों का समाधान किया जा रहा है।
इस तरह के कदम से न केवल ग्राहकों को अवांछित मैसेजों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि यह कदम टेलीकॉम ऑपरेटरों और अन्य कंपनियों को भी यह संकेत देगा कि उन्हें अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करना होगा। ट्राई की इस पहल से आने वाले समय में भारतीय टेलीकॉम क्षेत्र में काफी सुधार देखने को मिल सकता है।