
प्रोफेसर श्याम सुंदर मिस्त्री सत्यार्थी की रिर्पोट:-
सतबरवा(पलामू):- पलामू जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित सतबरवा थाना क्षेत्र के लोग इन दिनों खुद को अत्यंत असुरक्षित और दहशतजदा महसूस कर रहे हैं।बीती शाम लगभग 7:45 बजे सतबरवा थाना क्षेत्र के अंतर्गत रांची रोड स्थित सुहाना मॉल संचालक दीपक प्रसाद के बेटे एवं बेटी को अज्ञात अपराधियों ने अपहरण करने की असफल कोशिश की। यह मॉल सतबरवा बस स्टैंड के पास रांची रोड पर स्थित है। मॉल संचालक के बेटे एवं बेटी मॉल बंद करके अपनी बाइक पर घर लौटने के लिए जैसे ही बाइक पर सवार हुए की पीछे से अचानक एक बोलेरो आकर उनके समीप खड़ी हो गई। बोलेरो से तीन पिस्टल धारी अपहरण कर्ता निकले और पिस्तौल का भय दिखाकर उन्हें बोलेरो में जबरन ले जाने की कोशिश करने लगे। मौजूदा हालात को देखकर भयाक्रांत भाई बहन चिल्ला उठे। आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े। सड़क से गुजरती हुई कुछ वाहने रुक गईं। खुद को असुरक्षित महसूस कर अपहरणकर्ता वापस गाड़ी में जा बैठे। और गाड़ी को तुम्बागड़ा की ओर वापस मोड़कर भाग निकले। हालांकि पेट्रोलिंग पर निकली सतबरवा पुलिस उनका पीछा की परंतु अपराधी पुलिस के हाथ नहीं लगे। मॉल संचालक दीपक कुमार ने सतबरवा थाने में 6 अज्ञात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया है।ज्ञात हो कुछ ही दिन पूर्व सतबरवा थाना क्षेत्र के फागु सिंह घाट पर लगभग समय 7:00 बजे शाम को समस्ता फाइनेंस लिमिटेड का एक फील्ड स्टाफ प्रियरंजन कुमार को अज्ञात व्यक्ति ने गोली मार दी थी।युवक फील्ड से कलेक्शन लेकर बाइक से वापस लौट रहा था। घटनास्थल पर उस युवक का कलेक्शन बैग नहीं मिला। जिसमें कलेक्शन के 23480 रुपए थे। गोली लगने से युवक की मृत्यु हो गई। इस युवक के लुटेरे हत्यारे को पुलिस अब तक बेनकाब और गिरफ्तार करने में असफल रही है। मृत युवक अपनी बाइक से वापस अपना कार्यालय पोंची गांव जा रहा था।सतबरवा थाना क्षेत्र के मेलाटांड़ स्थित एक ज्वेलर लगभग इसी समय जब अपनी दुकान बंद कर रहा था उसकी बाइक की डिक्की तोड़कर अज्ञात चोर लाखों रुपए का ज्वेलरी उड़ा ले जाने में कामयाब हो गया। सतबरवा के भीड़भाड़ वाले इस स्थान में हुई इस घटना का भी उद्वभेदन अपराधी को बेनकाब और गिरफ्तार करने में पुलिस अब तक असफल रही है।हाल के दिनों में घटित इन घटनाओं से सतबरवा के आम आदमी में दहशत व्याप्त हो गया है। आम आदमी अपने आप को असुरक्षित और खतरे में महसूस करने लगा है। आम आदमी चिंतित है,भयभीत है,निराश है। लोगों में इस बात का रोष भी है कि आम आदमी की सुरक्षा और निर्भीकता का गारंटर पुलिस अगर सुस्त नहीं है तो अपराधी बेनकाब और गिरफ्तार क्यों नहीं हो रहे। एक के बाद एक भयावह घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी खुद को मस्त महसूस कर रहे हैं ।तभी तो एक के बाद एक दुर्दांत घटनाएं घटित हो रही हैं।हाल के दिनों में घटित हुई इन वारदातों से अपराधियों के मनोबल और निर्भीकता अंदाजा लगाया जा सकता है। जो चिंता के विषय बन गए हैं। अपराधियों के बेनकाब और गिरफ्तार नहीं किए जाने से सतबरवा और आसपास में जो आम आदमी के बीच जो असुरक्षा और भय का वातावरण छा गया है । वहीं पुलिस प्रशासन की कार्यशैली कार्य संस्कृति क्षमता और दायित्व पर सवाल खड़े करने के लिए अपर्याप्त नहीं हैं।
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