
काठीकुंड/दुमका
हर साल की तरह इस साल भी काठीकुंड प्रखंड के कालाझर गांव स्थित जामा मस्जिद प्रांगण में सभी नवयुवक भाईयो के तरफ से रविवार को रमजान- उल- मुबारक के 27वां रोजा के मौके पर इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इफ्तार पार्टी में मुस्लिम समाज के बड़े बुजुर्ग नौजवान व बच्चों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। मगरिब की अजान सुनकर सभी रोजेदारों ने एक साथ रोजा इफ्तार किया। अप्रैल माह की तपती गर्मी में भी मुस्लिम समाज के लोग अपने रब की इबादत के लिए 14 घंटे भूखे प्यासे रहकर रोजा रखा। वहीं मुफ्ती इलियास कासमी ने बताया कि रमजान-उल-मुबारक का यह पाक व पवित्र महीना रहमतों व बरकतों से भरपूर है। जो शख्स रोजेदार को इफ्तार कराता है अल्लाह तबारक व ताला उस शख्स को रोजेदार के बराबर सवाब अता फरमाता है। इस प्रकार का इफ्तार पार्टी का आयोजन से आपसी भाईचारा भी बढ़ता है। उन्होंने यह भी बताया कि रमजान-उल-मुबारक को तीन अशरा (हिस्से) में बांटा गया है। पवित्र माह रमजान का पहला अशरा रहमतों का, दूसरा अशरा ग्यारहवीं रमजान से बीस रमजान तक मगफिरत का तथा 21 वीं रमजान से तीस रमजान तक जहन्नुम से आजादी का है।रमजान-उल-मुबारक का आखिरी अशरा जहन्नुम से आजादी का चल रहा है। वहीं रमजान के आखिरी अशरा एक रात लैलतूल कदर का आता है। जिस रात में रात भर जागकर इबादत करने से एक हजार महीने का सवाब मिलता है।रोजा इफ्तारी से पहले मस्जिद के इमाम अब्दुल रहमान साहब ने सभी रोजेदार के साथ अल्लाह तबारक व ताला के बारगाह में हाथ उठाकर मुल्क की अमनचैन के दुआएं मांगी।