लखनऊ ,04 मार्च ।RNS उत्तर प्रदेश सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2023-24 में करीब 53.79 लाख टन धान खरीदा है। इसके लिए किसानों को 11,745 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। हालांकि, सरकार का लक्ष्य 70 लाख धान खरीदने का था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 1 अक्टूबर 2023 को धान की खरीद शुरू हुई। इसके लिए सरकार ने सामान्य धान के लिए 2,183 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान के लिए 2,203 रुपये प्रति क्विंटल का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया था। हालांकि, राज्य सरकार 70 लाख टन खरीद के अपने लक्ष्य को पूरा करने में विफल रही, क्योंकि कथित तौर पर किसानों ने सीधे खुले बाजार में धान बेचा।
एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, पश्चिमी यूपी से खरीद 1 अक्टूबर को शुरू हुई। जबकि लखनऊ और अयोध्या मंडलों के लिए 20 अक्टूबर को और पूर्वी मंडलों के लिए 1 नवंबर को धान की खरीददारी शुरू हुई। 5,207 केंद्रों पर 8,01,624 किसानों से धान खरीदा गया।
लखनऊ मंडल ने 7.52 लाख टन से अधिक के साथ सबसे अधिक खरीद की सूचना दी। वहीं बरेली मंडल 6.49 लाख टन के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जबकि वाराणसी मंडल 6.18 लाख टन से अधिक के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
(चंडीगढ़)पंजाब में जीएसटी संग्रह 15.69 प्रतिशत बढ़ा
चंडीगढ़ ,04 मार्च । पंजाब ने 2022-23 की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष में फरवरी के अंत तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में 15.69 प्रतिशत और उत्पाद शुल्क संग्रह में 11.71 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि मार्च 2022 में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता संभालने के बाद से राज्य का वित्तीय ग्राफ सुधरा है। चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक शुद्ध जीएसटी संग्रह 19,222.5 करोड़ रुपये है, जबकि 2022-23 में इसी अवधि में यह 16,615.52 करोड़ रुपये था। इस प्रकार इसमें 2,606.98 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि उत्पाद शुल्क से प्राप्त राजस्व में भी 842.72 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है और यह 8,093.59 करोड़ रुपये पर पहुँच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 7,244.87 करोड़ रुपये था।
उन्होंने कहा, बेहतर योजना और कार्यान्वयन के साथ, फरवरी के अंत तक राज्य का शुद्ध कर राजस्व 13.85 प्रतिशत बढ़कर 34,158 करोड़ रुपये के पार पहुँच गया है।
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(सोल)ईवी के विकास के साथ कई प्रमुख खनिजों की मांग बढ़ेगी
सोल ,04 मार्च । इलेक्ट्रिक कार और पवन ऊर्जा उद्योगों में विस्तार के चलते दक्षिण कोरिया में प्रमुख खनिजों की मांग 2021 से 2040 तक 19 गुना बढऩे की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
कोरिया एनर्जी इकोनॉमिक्स इंस्टीट्यूट (केईईआई) की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक कार बैटरी के लिए आवश्यक लिथियम, निकेल, मैंगनीज और कोबाल्ट की मांग 2040 तक क्रमश: 15 गुना, 12 गुना, 19 गुना और 4 गुना बढ़ जाएगी।
इलेक्ट्रिक कार मोटरों के लिए आवश्यक नियोडिमियम, प्रेसियोडिमियम, डिस्प्रोसियम और टेरबियम की मांग 10 गुना बढ़ जाएगी। इसी अवधि में दक्षिण कोरिया में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 11 गुना बढऩे की उम्मीद है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पवन ऊर्जा सुविधाएं 2022 से 2040 तक आठ गुना बढ़ जाएंगी, जिससे इन सामग्रियों की मांग बढ़ेगी, जैसे कि नियोडिमियम, प्रेजोडायमियम, डिस्प्रोसियम और टेरबियम की मांग क्रमश: 2.6 गुना, 3.1 गुना, 21.6 गुना और 2.7 गुना बढऩे की संभावना है।
केईईआई ने कहा कि दक्षिण कोरिया को इलेक्ट्रिक वाहन और सेकेंड्री बैटरी उद्योगों को मजबूत करने के प्रयासों के तहत चीन पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी प्रमुख खनिज आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव लाने के लिए काम करना चाहिए।
केईईआई के अनुसार, 2022 तक, दक्षिण कोरिया ने चीन से अधिकांश निकेल, मैंगनीज और कोबाल्ट आपूर्ति का आयात किया था।