** पंकज कुमार यादव,
सरयू : सरयू प्रखंड मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर दूर गोताग गांव आज भी सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। लगभग 35 से 40 परिवार इस गांव में निवास करते हैं, लेकिन जर्जर पहुंच पथ और अंधेरे जीवन ने ग्रामीणों की मुश्किलें कई गुना बढ़ा दी हैं। सड़क के अभाव में ग्रामीणों को रोजमर्रा की गतिविधियों से लेकर आपातकालीन परिस्थितियों तक हर कदम पर जोखिम उठाना पड़ता है।ग्रामीण निर्मल उरांव ने बताया कि करीब चार साल पहले चोपत नाला मुख्य मार्ग से गोताग गांव तक सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया था।
लेकिन संवेदक द्वारा लापरवाही बरतते हुए काम अधूरा ही छोड़ दिया गया। नतीजा यह है कि सड़क कच्चे गड्ढों और बड़े-बड़े पत्थरों में तब्दील होकर चलने लायक भी नहीं रह गई है। बरसात के दिनों में हालात और भी दयनीय हो जाते हैं, जब गड्ढों में पानी भर जाने से गांव तक पहुंचना और बाहर निकलना नामुमकिन हो जाता है।ऐसे हालात में अगर किसी की तबीयत अचानक बिगड़ जाती है तो परिजनों को मजबूरी में मरीज को चारपाई पर उठाकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ता है।
कई बार इलाज में देरी के कारण मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रसव जैसी आपात स्थितियों में तो महिलाओं की जान तक जोखिम में पड़ जाती है।सड़क के साथ-साथ गोताग गांव बिजली से भी वंचित है। ग्रामीणों का कहना है कि आज़ादी के दशकों बाद भी उन्हें बिजली नेटवर्क की सुविधा नहीं मिली है। गांव के लोग आज भी ढिबरी और लालटेन के सहारे जीवन गुजारने को मजबूर हैं। अंधेरे में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर सीधा असर पड़ रहा है, जिससे उनका भविष्य भी अधर में लटका हुआ है।ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से वे बदहाली और उपेक्षा का सामना कर रहे हैंशासन-प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
बार-बार मांग उठाने के बावजूद अधिकारियों द्वारा सड़क और बिजली की दिशा में कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है।गोताग गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से अविलंब चोपत नाला से गोताग गांव तक अधूरी सड़क को पूरा कराने और गांव में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि जब तक सड़क और बिजली की सुविधा नहीं मिलेगी, तब तक गांव विकास की मुख्यधारा से नहीं जुड़ पाएगा और ग्रामीण इसी तरह जोखिम उठाकर जीवन गुजारने को मजबूर रहेंगे।