
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा अब एक गंभीर आपराधिक मामले में तब्दील हो चुकी है। 12 अप्रैल को हुई इस हिंसा के दौरान हरगोबिंदो दास और उनके बेटे चंदन दास की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके में भय और तनाव का माहौल बना दिया है। अब इस मामले में पुलिस ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए मुख्य आरोपित जियाउल शेख को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस के हाथ कई महत्वपूर्ण सबूत भी लगे हैं जो जांच को और मजबूती देंगे।
घटना की पृष्ठभूमि वक्फ (संशोधन) कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों से जुड़ी हुई है। 12 अप्रैल को मुर्शिदाबाद के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों और स्थानीय लोगों के बीच तीखी झड़पें हुईं, जो देखते ही देखते हिंसा में बदल गईं। उसी दिन, हरगोबिंदो दास और चंदन दास को उनके घर से बाहर घसीट कर लाया गया और भीड़ ने बेरहमी से उनकी हत्या कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हमला सुनियोजित और उग्र भीड़ द्वारा किया गया था, जिसमें कई हथियारबंद लोग शामिल थे।
जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन डेटा और स्थानीय चश्मदीदों के बयानों के आधार पर पुलिस ने जियाउल शेख की पहचान की। बताया जा रहा है कि वह इस पूरे हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। पुलिस का कहना है कि शेख ने भीड़ को उकसाया और उन्हें हथियार मुहैया कराए। गिरफ्तारी के समय शेख मुर्शिदाबाद के एक दूरदराज़ इलाके में छुपा हुआ था और फर्जी नाम से रह रहा था। उसे गिरफ्तार कर स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अब तक इस मामले में कुल चार आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बाकी आरोपितों की तलाश के लिए छापेमारी जारी है। इसके अलावा, इस हिंसा में शामिल अन्य लोगों की पहचान के लिए तकनीकी निगरानी और सोशल मीडिया की गतिविधियों की भी जांच की जा रही है। पुलिस ने इलाके के कुछ इंटरनेट कैफे और मोबाइल दुकानों से डेटा भी जब्त किया है।
इस बीच, मृतकों के परिजनों ने न्याय की मांग की है। हरगोबिंदो दास की पत्नी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “हमारे परिवार को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि हमने हिंसा का विरोध किया। हमें भरोसा है कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।” स्थानीय प्रशासन ने पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई है और मुआवजे की घोषणा भी की गई है।
राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है जो पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करेगा। साथ ही, हिंसा के पीछे की संभावित साजिश, बाहरी तत्वों की भूमिका और उकसावे की मंशा की भी जांच की जा रही है।
मुर्शिदाबाद की यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाती है बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी चुनौती देती है। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि पुलिस जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और दोषियों को क्या सजा मिलती है। फिलहाल, जियाउल शेख की गिरफ्तारी से जांच में तेजी आई है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पूरे मामले की परतें खुलेंगी।