- हत्या के चार आरोपियों को आजीवन सश्रम कारावास एवं जुर्माना की सजा,
- मासियातू थाना क्षेत्र की एक महिला व्यवसायी की हुई थी निर्मम हत्या
लातेहार। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय सुनील दत्त द्विवेदी की अदालत ने हत्या की एक सनसनीखेज मामले की सुनवाई के उपरांत चार आरोपियों मो रहमत आलम, मो अंजर आलम , मो आसिफ एवं मो नेसार आलम को हत्या एवं साक्ष्य छुपाने का आरोप सच पाते हुए उन्हें सश्रम आजीवन कारावास एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनाया है।
अपर जिला अभियोजन पदाधिकारी शिव शंकर राम के अनुसार गत 3 फरवरी 2023 को बालूमाथ थाना क्षेत्र के मासियातू ग्राम की एक महिला व्यवसायी सुनीता देवी की हत्या उसके घर दुकान में ही गला रेत कर एवं चाकू घोंपकर कर दिया गया था। अभियोजन के अनुसार मृतका एक किराना एवं हार्डवेयर की दुकान घर के बाहर चलाती थी। वह अपने दुकान पर घटना के दिन बैठी थी तभी अज्ञात अपराधकर्मियों ने दुकान में घुसकर उसकी निर्मम हत्या धारदार हथियार से कर दिया था।
मृतका के पति प्रमोद प्रसाद गुप्ता के आवेदन पर बालूमाथ थाना कांड संख्या 24/ 2023 दर्ज किया गया था। अनुसंधानकर्ता ने मामले की छानबीन कर हत्या में प्रयुक्त चाकू एवं अन्य सामग्रियों को बरामद किया था।घटनास्थल से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने उपरोक्त सभी आरोपियों को हत्या में शामिल होने का सुराग पाया था ।
उनकी गिरफ्तारी एवं अपराध स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर हत्या में प्रयुक्त हथियार आदि बरामद किया गया था। मालूम हो घटना के दिन प्रमोद प्रसाद गुप्ता अपने सहयोगी विष्णु कुमार यादव के साथ बबणहेरुआ हाट में सामग्री बेचने गए थे। जब वे रात्रि 8:00 बजे घर पहुंचे तो घर दुकान में अपनी पत्नी का लहूलुहान शव देखा और उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दिया।
मौके वारदात पर पुलिस पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराया था। अभियोजन पदाधिकारी श्री राम ने बताया कि अभियोजन के द्वारा अनुसंधान कर्ता समेत कुल 15 गवाहों को श्री द्विवेदी का अदालत में पेश किया था। मामले के अनुसार विचारण पूर्ण होने के उपरांत श्री द्विवेदी की अदालत में 25 सितंबर गुरुवार को सजा का ऐलान किया गया.
सभी आरोपियों को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास एवं 10 -10 रुपए की जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर 3-3 माह का साधारण कारावास एवं भादवि की धारा 201 के तहत सभी आरोपियों को सात-सात वर्षों का श्रम कारावास एवं पांच – पांच हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर दो – दो माह का साधारण कारावास की सजा सुनाया है।मालूम हो सभी आरोपी घटना के दिन से ही कराधीन थे।