
न्यूज अप्रैजल संवाददाता अनूप कुमार गुप्ता
गढ़वा:- गढ़वा जिले में अबुआ आवास योजना एवं मनरेगा योजना के संचालन में अनियमितता बरतने वाले सरकारी कर्मियों पर जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। उपायुक्त दिनेश कुमार यादव के निर्देश पर रमना, रमकंडा, बरगढ़ और कांडी प्रखंड के दोषी पाए गए कर्मियों के विरुद्ध एक साथ दंडात्मक कदम उठाए गए हैं। यह कार्रवाई सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है।
हरादाग कला के सचिव पर गंभीर आरोप
रमना प्रखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत हरादाग कला के तत्कालीन पंचायत सचिव मो. हुसैन अंसारी पर मनरेगा योजना में चार लाख रुपये की अवैध वसूली और अयोग्य लाभुकों को अबुआ आवास योजना का लाभ देने जैसे गंभीर आरोप साबित हुए हैं। जांच में दोषी पाए जाने और असंतोषजनक स्पष्टीकरण देने के कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर प्रखंड खरौंधी में मुख्यालय निर्धारित किया गया है।
तीन पंचायत सचिव भी निलंबित
इसी क्रम में मझिगावां एवं शिवपुर पंचायतों के सचिव सुरदर्शन राम, मुकेश कुमार मेहता और संजीव कुमार ठाकुर को आवास योजना में गड़बड़ी के आरोप में निलंबित किया गया है। जांच में इनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण असंतोषजनक पाए गए, जिसके आधार पर इन पर भी कार्रवाई की गई। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय क्रमशः रमकंडा, बरगढ़ और रमना प्रखंडों में निर्धारित किया गया है।
कांडी प्रखंड समन्वयक को हटाया गया
कांडी प्रखंड के आवास योजना समन्वयक अजीत कुमार मेहता को मझिगावां, गाड़ाखुर्द और शिवपुर पंचायतों में अनियमितता के आरोप में जिला स्तरीय जांच के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है। उपायुक्त ने उनके स्पष्टीकरण को पूरी तरह अस्वीकार करते हुए यह कठोर कदम उठाया।
लापरवाह कर्मियों को उपायुक्त ने दी सख्त चेतावनी
उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने कहा कि सरकारी योजनाओं में किसी प्रकार की लापरवाही, अनियमितता या भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में भी इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि योजनाओं का लाभ केवल पात्र लाभुकों को ही मिले।
विभागीय कार्रवाई की तैयारी शुरू करते हुए प्रशासन ने संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तीन दिनों के भीतर आरोप पत्र तैयार कर जिला पंचायत राज कार्यालय को सौंपें, जिससे आगे की विभागीय कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा सके।
निलंबन अवधि में संबंधित कर्मियों को नियम-96 के तहत जीवन यापन भत्ता प्रदान किया जाएगा।जिला प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि जनकल्याणकारी योजनाओं में किसी भी प्रकार की धांधली पर अब समझौता नहीं किया जाएगा। इस फैसले से सरकारी तंत्र में पारदर्शिता एवं जवाबदेही की दिशा में एक सशक्त संदेश गया है।