
प्रशासन से बेदखली आदेश रद्द कर पुनर्वास की मांग, आंदोलन की चेतावनी
लातेहार, झारखंड।
ग्राम तपाखास (वार्ड संख्या 15), खाता संख्या 64, प्लॉट संख्या 333 पर वर्षों से निवासरत भूमिहीन गरीब परिवारों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। अंचल कार्यालय लातेहार द्वारा इन परिवारों को 04 अगस्त 2025 तक जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया गया है, जिससे ग्रामीणों में भय और असुरक्षा का माहौल व्याप्त है। इस मुद्दे पर अब कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एक साथ खड़े नजर आ रहे हैं।
गौरतलब है कि उक्त भूमि पर दर्जनों गरीब, असहाय और झोपड़ी में जीवन यापन करने वाले परिवार कई दशकों से निवासरत हैं। जानकारी के अभाव, अशिक्षा और गरीबी के कारण वे अब तक न तो भूमि का बंदोबस्त करा सके हैं और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ उठा पाए हैं। ऐसे में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए अचानक बेदखली आदेश जारी करना न सिर्फ अन्यायपूर्ण है बल्कि अमानवीय भी है।

इस संबंध में कांग्रेस नेता साजन कुमार और झामुमो नेता श्री राम सिंह ने संयुक्त रूप से मोर्चा खोलते हुए अंचल अधिकारी की कार्रवाई को एकतरफा और असंवेदनशील करार दिया है। दोनों नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि—
- 04 अगस्त 2025 तक के अतिक्रमण हटाने के आदेश पर अविलंब रोक लगाई जाए।
- स्थलीय निरीक्षण कर सभी निवासरत परिवारों की स्थिति का आकलन किया जाए।
- प्रधानमंत्री आवास योजना, भूमि पट्टा योजना या अन्य सरकारी योजनाओं के तहत भूमि व आवास का स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए।
- पुनर्वास प्रक्रिया और सहायता की समय-सीमा तय कर स्पष्ट सूचना प्रदान की जाए।
- सभी निर्णयों की लिखित प्रति प्रभावितों व प्रतिनिधियों को सौंपी जाए।

साजन कुमार ने कहा, “बिना पुनर्वास की व्यवस्था के नोटिस थमा देना अमानवीय है। मैं व्यक्तिगत रूप से सभी पीड़ितों की बात लेकर अधिकारियों से मिलूंगा और जब तक न्याय नहीं मिलता, तब तक इन परिवारों के साथ खड़ा रहूंगा।”
वहीं श्री राम सिंह ने कहा कि, “यदि प्रशासन ने आदेश वापस नहीं लिया तो झामुमो जनहित में आंदोलन छेड़ेगा। गरीबों को बेदखल कर देने से उनकी पीढ़ियों की अस्थिरता बढ़ेगी।”
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि ऐसे में बेघर हो जाना उनके लिए जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर बन जाएगा।
दूसरी ओर, जिला कांग्रेस कमेटी के माध्यम से कांग्रेस नेता साजन कुमार ने प्रशासन को पत्र सौंपकर कार्रवाई पर रोक, पुनर्वास की व्यवस्था और लिखित आश्वासन की मांग की है।