
लातेहार:- जिले के नक्सल प्रभावित थानों के अधीन आने वाले पोस्ट और पिकेटों में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारियों को दुरूह भत्ता न मिलने को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। इस मुद्दे पर अब पुलिस एसोसिएशन ने प्रांतीय सचिव संजीव कुमार को एक संशोधित अभ्यावेदन भेजकर समान क्षेत्र, समान कार्य के सिद्धांत के आधार पर सभी प्रभावित पोस्ट/पिकेटों को दुरूह भत्ते के दायरे में लाने की मांग की है।
संशोधित अभ्यावेदन 18 जून 2025 को ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया है, जिसमें एसोसिएशन के लातेहार शाखा के स०अ०नि० जगत प्रकाश ने विस्तार से अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि भले ही सरकार द्वारा अधिसूचित थानों में दुरूह भत्ता प्रस्तावित है, लेकिन उन्हीं थानों के अधीन या उनसे अलग हुए कई पोस्ट और पिकेट आज भी इस लाभ से वंचित हैं, जबकि नक्सली गतिविधियों में उनकी सहभागिता बराबर की है।
नक्सलियों के विरुद्ध अभियानों में सक्रिय भागीदारी
श्री प्रकाश ने पत्र में स्पष्ट किया कि लातेहार जिले के तमाम थाने और उनसे जुड़े पोस्ट/पिकेट लगातार नक्सल विरोधी अभियानों में सक्रिय रहते हैं। समय-समय पर मुठभेड़, गिरफ्तारी एवं नक्सलियों के खात्मे की घटनाएं इन क्षेत्रों में होती रही हैं, इसके बावजूद कुछ पदाधिकारियों को दुरूह भत्ता न मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
किन क्षेत्रों में भत्ता नहीं मिल रहा – सूची सहित विवरण
अभ्यावेदन में उन पोस्टों व पिकेटों की सूची दी गई है, जहां दुरूह भत्ता प्रस्तावित नहीं है। जैसे –
- लातेहार थाना क्षेत्र: पतकी, ओरिया, कोने पिकेट; महिला थाना, एससीएसटी थाना, साइबर थाना
- चंदवा थाना क्षेत्र: बेतर, अमझरिया, चेटर, माल्हन, बोदा, सिकनी, नावाटोली नगर पिकेट
- बालूमाथ थाना क्षेत्र: मुरपा, मकइयाटांड रेलवे कैंप, बसिया, तेतरिया खांड, अमरवाडीह
- बारियातू थाना (बालूमाथ से अलग): मनातु पिकेट
- हेरहंज थाना: सेरेनदाग पिकेट
- मनिका थाना क्षेत्र: मटलौंग, कुमंडी, बरवईया पिकेट
- बरवाडीह थाना क्षेत्र: मुर्गीडीह, मंडल, मोरवाई पिकेट
- छिपादोहर थाना क्षेत्र: लाभर, केड, करमडीह, टोंगारी पिकेट
- गारू थाना क्षेत्र: डोमाखांड, मारोमार, सीमाखास, चिपरू, सरयू, चौपटनाला पिकेट
- बारेसांढ़ थाना क्षेत्र: तिलैयाटांड, नावाटोली पिकेट
- महुआडांड थाना क्षेत्र: तिसिया, महुआडांड, बंसकरचा पिकेट
- नेतरहाट थाना: पूर्ण रूप से वंचित
एसोसिएशन की मांग
एसोसिएशन ने यह मांग की है कि उपरोक्त सभी पिकेटों व पोस्टों को दुरूह भत्ते की अधिसूचना के दायरे में लाया जाए। उन्होंने यह भी आग्रह किया है कि इस मुद्दे पर रांची स्थित पुलिस महासंघ निर्णायक कदम उठाए और सरकार को प्रस्ताव भेजकर इन स्थानों को दुरूह श्रेणी में शामिल करवाया जाए।
प्रस्ताव लागू होने से बढ़ेगा मनोबल
अभ्यावेदन में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि समान क्षेत्र,समान कार्य पर समान भत्ता की यह नीति अपनाई जाती है, तो इससे पदस्थापित पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ेगा और वे नक्सल विरोधी अभियानों में और भी अधिक जोश और समर्पण के साथ काम कर सकेंगे। साथ ही, यह कदम प्रशासनिक न्याय और संवेदनशीलता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण पहल मानी जाएगी।