
प्रेम कुमार साहू, घाघरा (गुमला)
गुमला जिले के घाघरा थाना क्षेत्र अंतर्गत हापामुनी गांव के एक आदिवासी दंपति रानी देवी और अमरजीत भगत के साथ पुलिस द्वारा की गई मारपीट और अपशब्दों के प्रयोग की घटना ने तूल पकड़ लिया है। इस गंभीर मामले को लेकर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम को गांव भेजा। सोमवार को आयोग की टीम राष्ट्रीय सदस्य आशा लकड़ा के नेतृत्व में हापामुनी गांव पहुंची और पीड़ित दंपति से मुलाकात कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।
आयोग की टीम में राष्ट्रीय सदस्य आशा लकड़ा के साथ आयोग के कानूनी सलाहकार सुभाषी रसिक सोरेन, अनुसंधान अधिकारी प्रदीप कुमार दास सहित अन्य अधिकारी शामिल थे। टीम ने रानी देवी और उनके पति अमरजीत भगत से विस्तार से बातचीत की और घटना की बारीकियों को समझा।
आशा लकड़ा ने बताया कि पीड़ित दंपति किसी मामले को लेकर सुरक्षा की गुहार लगाने घाघरा थाना पहुंचे थे, लेकिन थाने में उपस्थित पुलिसकर्मियों ने उल्टे उनके साथ मारपीट की और जातिसूचक व अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत निंदनीय और मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन है। इस मामले को लेकर अखबार में 25 मार्च को रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसके आधार पर आयोग ने संज्ञान लिया।
उन्होंने आगे बताया कि आयोग के नोटिस के बाद 5 अप्रैल को एसडीपीओ और डीएसपी स्तर के अधिकारी पूछताछ के लिए हापामुनी गांव पहुंचे थे, लेकिन अब तक घाघरा थाना में इस संबंध में कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। यह पुलिसिया उदासीनता को दर्शाता है, जिस पर आयोग सख्त कार्रवाई करेगा।
आयोग की टीम ने मौके पर ही संबंधित अधिकारियों से बातचीत की और सभी तथ्यों को बिंदुवार तरीके से नोट किया। आशा लकड़ा ने कहा कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार कर राज्य के डीजीपी और पुलिस अधीक्षक को भेजी जाएगी। आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि पीड़ित आदिवासी दंपति को न्याय मिले और दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों की रक्षा करना आयोग की प्राथमिक जिम्मेदारी है और इस प्रकार की घटनाएं कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
मौके पर मौजूद लोगों ने भी आयोग के सामने अपनी चिंता व्यक्त की और बताया कि थाना क्षेत्र में आम नागरिकों, विशेषकर आदिवासी समुदाय के साथ पुलिस का रवैया अमानवीय होता जा रहा है। ग्रामीणों ने आयोग से आग्रह किया कि इस मामले को उदाहरण स्वरूप लिया जाए ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसी घटना न हो।
इस दौरान जिला कल्याण पदाधिकारी आलोक रंजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार, हापामुनी पंचायत की मुखिया विनीता कुमारी, पंचायत सचिव कलेश्वर साहू, सामाजिक कार्यकर्ता संजय उरांव, अरुण साहू समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।