
लातेहार। जिले के विभिन्न पर्यटन स्थलों पर विशेष केंद्रीय सहायता मद से पर्यटक पड़ावों का निर्माण किया गया है। इन पड़ावों में दुकान, शौचालय, पेयजल सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता के निर्देशानुसार गारू प्रखंड अंतर्गत डोमाखाड़, सुगाबांध एवं महुआडांड प्रखंड अंतर्गत बोहटा और काठो में ‘दीदी की दुकान’ का शुभारंभ संबंधित ग्राम पंचायतों के मुखिया के द्वारा किया गया। इन दुकानों का संचालन स्वयं सहायता समूह (SHG) की दीदियों द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य स्थानीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराना है।
महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा कदम
‘दीदी की दुकान’ योजना के तहत SHG की महिलाएं अपने द्वारा निर्मित स्थानीय और पारंपरिक उत्पादों को बेच सकेंगी, जिससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिलेगी। इस पहल से न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि यह स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और पर्यटन के विकास में भी सहायक होगा।
परियोजना के मुख्य उद्देश्य
- आत्मनिर्भरता:
- SHG समूहों की दीदियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का अवसर मिलेगा।
- महिलाएं अपनी उद्यमशीलता को निखार सकेंगी और आत्मनिर्भर बनेंगी।
- स्थानीय उत्पादों का संवर्धन:
- पर्यटकों को स्थानीय और पारंपरिक उत्पाद आसानी से मिल सकेंगे।
- हस्तशिल्प, जैविक खाद्य पदार्थ और अन्य क्षेत्रीय वस्तुओं की बिक्री बढ़ेगी।
- आर्थिक लाभ:
- इन दुकानों से होने वाली आमदनी SHG समूहों के लिए स्थायी आय का स्रोत बनेगी।
- ग्रामीण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
- पर्यटन को बढ़ावा:
- पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
‘दीदी की दुकान’ योजना से बढ़ेगा महिला सशक्तिकरण
SHG समूहों की महिलाएं इन दुकानों के माध्यम से हस्तनिर्मित वस्त्र, स्थानीय व्यंजन, जैविक मसाले, मिट्टी के बर्तन, बांस उत्पाद और अन्य पारंपरिक सामग्रियों की बिक्री कर सकेंगी। इससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की सांस्कृतिक विरासत संरक्षित रहेगी।

सरकार और प्रशासन की पहल
उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता ने बताया कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण पर्यटन को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि यह योजना SHG समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
स्थानीय लोगों और अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं
- ग्राम पंचायतों के मुखियाओं ने इसे महिला सशक्तिकरण और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
- SHG समूहों से जुड़ी दीदियों ने खुशी जताई कि अब उनके पास अपनी वस्तुएं बेचने और आय अर्जित करने का एक स्थायी माध्यम होगा।
- पर्यटकों ने भी इस योजना की सराहना की और कहा कि इससे उन्हें स्थानीय वस्तुएं खरीदने का अवसर मिलेगा।
लातेहार जिले में पर्यटन मार्गों पर बनाए गए पर्यटक पड़ाव और ‘दीदी की दुकान’ योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा। यह पहल महिला सशक्तिकरण, ग्रामीण विकास और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।