
- झारखंड एटीएस ने पलामू में अमन साहू को मार गिराया, तीन साल में दस जेलों में हो चुका था शिफ्ट
रांची/पलामू। झारखंड पुलिस के लिए लंबे समय से चुनौती बना कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू को झारखंड एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने मंगलवार सुबह पलामू जिले के चैनपुर के अंधारी ढोडा क्षेत्र में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। अमन साहू झारखंड का एक कुख्यात अपराधी था, जो जेल से ही अपना गैंग ऑपरेट कर रहा था और लगातार व्यापारियों से रंगदारी वसूलने के अलावा आपराधिक गतिविधियों में लिप्त था।
कैसे हुआ मुठभेड़?
घटना के संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक, अमन साहू गिरोह के अपराधियों ने पुलिस के काफिले पर बम से हमला किया। इस दौरान अमन साहू ने मौका पाकर एक पुलिस जवान से इंसास राइफल छीन ली और गोली मारकर भागने लगा। जवाबी कार्रवाई में एटीएस की टीम ने उसे घेर लिया और मुठभेड़ में ढेर कर दिया।
झारखंड पुलिस के लिए यह एक बड़ी सफलता है, क्योंकि अमन साहू लगातार पुलिस और प्रशासन के लिए सिरदर्द बना हुआ था। वह जेल में रहते हुए भी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था और झारखंड के कोयला माफिया, ठेकेदारों और व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का काम करता था।
अमन साहू की आपराधिक पृष्ठभूमि
अमन साहू पर झारखंड के कई जिलों में हत्या, रंगदारी, लूट और अवैध वसूली के दर्जनों मामले दर्ज थे।
अमन साहू का जेल से फरारी का घटनाक्रम:
- 24 सितंबर 2019 – रामगढ़ जेल से हजारीबाग पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- 28-29 सितंबर 2019 – बड़कागांव थाने से नाटकीय तरीके से फरार हो गया।
- 2020 – रांची के तत्कालीन एसएसपी सुरेंद्र झा की टीम ने फिर से गिरफ्तार किया।
इसके बाद, पुलिस लगातार उसे एक जेल से दूसरी जेल में शिफ्ट करती रही ताकि वह अपने गैंग को सक्रिय न कर सके, लेकिन अमन ने जेल में रहते हुए भी अपराध जारी रखा।
तीन साल में दस जेलों में शिफ्टिंग का रिकॉर्ड
अमन साहू को पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से बार-बार जेलों में शिफ्ट किया, लेकिन वह अपने गिरोह के संचालन में लगा रहा।
- 29 अक्टूबर 2021 – रांची से पाकुड़ जेल
- 13 अप्रैल 2022 – गिरिडीह जेल
- 23 जुलाई 2022 – मंडल कारा सिमडेगा
- 17 सितंबर 2022 – पलामू जेल
- 24 नवंबर 2022 – दुमका जेल
- 19 अगस्त 2023 – चाईबासा जेल
- 11 अक्टूबर 2023 – फिर से पलामू जेल
- 20 जून 2024 – फिर से गिरिडीह जेल
- 21 जुलाई 2024 – गिरिडीह जेल से चाईबासा जेल
- 14 अक्टूबर 2024 – चाईबासा जेल से रायपुर जेल, छत्तीसगढ़
उच्च न्यायालय को लिखे गए पत्र से बढ़ी थी हलचल
अमन साहू ने झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को एक बंदी पत्र लिखा था, जिसमें उसने दावा किया था कि उसकी हत्या की साजिश रची जा रही है। उसने आरोप लगाया था कि इस साजिश में पुलिस अधिकारी, कोयला माफिया और राजनेता शामिल हैं। उसने यह भी कहा था कि इसी साजिश के तहत उसे बार-बार अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है।
हालांकि, पुलिस का कहना है कि अमन साहू के आरोप निराधार थे और वह महज कानून से बचने के लिए झूठे आरोप लगा रहा था।
गैंगस्टर का खौफ और पुलिस की चुनौती
अमन साहू का नाम झारखंड के कई हाई-प्रोफाइल हत्याओं, जबरन वसूली और लूटपाट के मामलों से जुड़ा था। उसने झारखंड में व्यापारियों, कोयला कारोबारियों, ठेकेदारों और राजनेताओं को लगातार धमकाने का काम किया।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, अमन साहू का नेटवर्क झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ था। वह मोबाइल, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के जरिए अपने गुर्गों को आदेश देता था और रंगदारी वसूलता था।
झारखंड में संगठित अपराध पर असर
अमन साहू की मौत से झारखंड के अपराध जगत में एक बड़ा झटका लगा है। पुलिस को उम्मीद है कि इससे गैंगस्टर नेटवर्क कमजोर होगा और अपराध पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
मुठभेड़ की जांच जारी
पुलिस इस पूरी घटना की विस्तृत जांच कर रही है और अमन साहू के अन्य साथियों की तलाश में जुटी है। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि उसका नेटवर्क किन-किन लोगों से जुड़ा था और वह किन माफियाओं के साथ काम कर रहा था।