
बरहरवा:- प्रखंड परिसर में 21 फरवरी को आयोजित होने वाले दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास कार्यक्रम की तैयारियों को गति देने के उद्देश्य से प्रचार-प्रसार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
प्रचार वाहन को प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) अंशु कुमार पांडे ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिससे अधिक से अधिक ग्रामीण इस कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त कर सकें और इसमें भाग लें। उन्होंने कहा कि यह योजना सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक है, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे इस कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपने भविष्य को उज्ज्वल बनाएं।
इस अवसर पर जेएसएलपीएस (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) के सभी सीसी (कम्युनिटी कोऑर्डिनेटर), आईआरपीपी (इंटेग्रेटेड रूरल पब्लिक प्रोजेक्ट), एडमिन, डीईओ (डाटा एंट्री ऑपरेटर) समेत अन्य पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों ने ग्रामीण युवाओं को इस योजना के लाभों के बारे में विस्तार से बताया और उनसे अधिकाधिक संख्या में इस कार्यक्रम में पंजीकरण कराने का आग्रह किया।
योजना के प्रमुख उद्देश्य:
- ग्रामीण युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना।
- स्वरोजगार और उद्योग से जोड़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना।
- प्रशिक्षण के बाद युवाओं को विभिन्न प्रतिष्ठानों में नौकरी के अवसर उपलब्ध कराना।
- कौशल विकास के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना।
- महिलाओं को भी प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
प्रचार वाहन का उद्देश्य:
प्रचार वाहन के माध्यम से ग्रामीणों को इस योजना की जानकारी दी जाएगी और उन्हें जागरूक किया जाएगा कि वे इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाएं। यह वाहन विभिन्न पंचायतों और गांवों में जाकर वहां के निवासियों को इस योजना के प्रति जागरूक करेगा और उन्हें पंजीकरण के लिए प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम के दौरान बीडीओ अंशु कुमार पांडे ने बताया कि कौशल विकास के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से युवाओं को न केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि वे आत्मनिर्भर भी बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में निरंतर प्रयासरत है।
इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए जाएंगे, जिससे वे सरकारी और निजी क्षेत्रों में नौकरी के लिए पात्र बन सकें। इसके अतिरिक्त, कुछ विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वालों को स्टाइपेंड भी दिया जाएगा, ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक रूप से सक्षम रह सकें।
ग्रामीणों और युवाओं ने इस पहल का स्वागत किया और बड़ी संख्या में इसमें भाग लेने की इच्छा जताई। कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर उपस्थित लोगों ने दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत अधिक से अधिक लोगों को प्रशिक्षित करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने की प्रतिबद्धता जताई।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन किया गया और यह आशा व्यक्त की गई कि यह योजना ग्रामीण युवाओं के लिए एक सुनहरा अवसर सिद्ध होगी।