
देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही हैं। इसी क्रम में मंदिर परिसर स्थित विभिन्न मंदिरों से पंचशूल उतारने की प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो गई। सबसे पहले गणेश मंदिर का पंचशूल उतारा गया, जिसके दर्शन और स्पर्श के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। धीरे-धीरे बाकी मंदिरों से भी पंचशूल उतारे जाएंगे। मंगलवार को मां संध्या मंदिर, महाकाल भैरव मंदिर, हनुमान मंदिर और मां सरस्वती मंदिर से पंचशूल उतारने की योजना बनाई गई है। सबसे अंत में बाबा बैद्यनाथ मंदिर और माता पार्वती मंदिर के शिखर से पंचशूल उतारे जाएंगे।
महाशिवरात्रि से पहले होगी विशेष पूजा
महाशिवरात्रि से एक दिन पहले, 25 फरवरी को फाल्गुन कृष्ण द्वादशी तिथि पर पंचशूलों की विशेष पूजा की जाएगी। इस अनुष्ठान का नेतृत्व पंडित गुलाब नंद ओझा करेंगे। पूजा के उपरांत पंचशूलों को पुनः सभी मंदिरों के शिखरों पर स्थापित किया जाएगा। पंचशूल को शिव शक्ति का प्रतीक माना जाता है और इसे उतारने और पुनः स्थापित करने की प्रक्रिया धार्मिक परंपरा का अहम हिस्सा है।
प्रशासन ने किया मंदिर परिसर का निरीक्षण
महाशिवरात्रि को लेकर प्रशासन भी सतर्क है। सोमवार को देवघर के अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) रवि कुमार ने मंदिर परिसर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने महाशिवरात्रि के मुख्य आयोजन, शिव बारात की रूटलाइन, सुरक्षा व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और अन्य तैयारियों का जायजा लिया। उनके साथ पुलिस उपाधीक्षक (एसडीपीओ) अशोक कुमार भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने मंदिर परिसर और उसके आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
श्रद्धालुओं की उमड़ रही भीड़
जैसे-जैसे महाशिवरात्रि का पर्व नजदीक आ रहा है, बाबा बैद्यनाथ धाम में श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देशभर से आने वाले भक्त बाबा बैद्यनाथ के दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित कर रहे हैं। मंदिर प्रबंधन की ओर से साफ-सफाई, जल आपूर्ति, बिजली व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं।
शिव बारात को लेकर उत्साह
महाशिवरात्रि के अवसर पर बाबा बैद्यनाथ की शिव बारात का आयोजन किया जाएगा, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। यह बारात परंपरागत रूप से नगर भ्रमण करती है और इसमें शिवभक्तों की भारी भागीदारी होती है। इस बारात को भव्य बनाने के लिए प्रशासन एवं मंदिर समिति द्वारा विशेष तैयारियां की जा रही हैं।
मंदिर प्रबंधन समिति के प्रबंधक रमेश परिहस्त, भोला भंडारी और सुबोध वर्मा समेत अन्य लोग व्यवस्थाओं की देखरेख में जुटे हुए हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे वे महाशिवरात्रि के पर्व को श्रद्धा और भक्ति के साथ मना सकें।