
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप सरकार के एक महत्वपूर्ण फैसले ने देश भर में हड़कंप मचा दिया है। ट्रंप ने एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत 150 साल पुरानी नागरिकता से जुड़ी कानून में बदलाव कर दिया है, जिसके बाद प्रवासियों में चिंता का माहौल है। इस फैसले का मुख्य असर उन बच्चों पर पड़ने वाला है जो अमेरिका में जन्म लेकर जन्मजात नागरिकता का अधिकार प्राप्त करते थे। ट्रंप ने इस अधिकार को समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे 20 फरवरी, 2025 से पहले अमेरिका में जन्म लेने वाले बच्चों को नागरिकता मिल सकती है, जबकि इसके बाद यह अधिकार समाप्त हो सकता है। इस बदलाव ने प्रवासियों को बच्चों को जल्द से जल्द अमेरिका में जन्म देने के लिए प्रेरित किया है।
ट्रंप का नागरिकता कानून पर ऐतिहासिक बदलाव
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही उनके कई फैसलों ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचाई है। हाल ही में जारी किए गए एक्जीक्यूटिव ऑर्डर के तहत, ट्रंप ने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत दिए गए जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा है। इस अधिकार के तहत, अमेरिका में जन्मे सभी बच्चे स्वचालित रूप से अमेरिकी नागरिक माने जाते थे, चाहे उनके माता-पिता अमेरिका के नागरिक हों या नहीं।
ट्रंप सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा असर उन लाखों प्रवासियों पर पड़ेगा, जो अमेरिका में अस्थायी रूप से काम करने, अध्ययन करने या शरण लेने के लिए आए हैं। ऐसे प्रवासी परिवारों को अब यह डर सता रहा है कि उनके बच्चों को अमेरिकी नागरिकता का अधिकार नहीं मिलेगा, अगर वे 20 फरवरी के बाद जन्म लेते हैं। यही कारण है कि प्रवासी समुदाय में बच्चों को इस तारीख से पहले जन्म देने की होड़ मच गई है।
नागरिकता का अधिकार और इसके बदलाव के प्रभाव
14वें संशोधन के तहत अमेरिकी नागरिकता का अधिकार अमेरिकी जमीन पर जन्मे हर बच्चे को स्वचालित रूप से मिलता था। इसे अमेरिका में जन्म से जुड़ी नागरिकता प्रणाली कहा जाता है। इसका उद्देश्य यह था कि कोई भी व्यक्ति, जो अमेरिका में जन्म लेता है, उसे अमेरिकी नागरिक माना जाए, भले ही उसके माता-पिता किसी अन्य देश के नागरिक हों। यह व्यवस्था अमेरिका में आने वाले प्रवासियों के लिए एक बड़ा आकर्षण थी, क्योंकि उनका बच्चा जन्म के साथ ही अमेरिकी नागरिक बन जाता था।
अब ट्रंप के इस निर्णय के बाद, जन्मजात नागरिकता का अधिकार समाप्त हो सकता है, जिससे लाखों प्रवासी परिवारों को झटका लगा है। अमेरिकी सरकार के अधिकारियों का मानना है कि यह कदम देश में अवैध प्रवास को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है, क्योंकि कुछ प्रवासी माता-पिता अपने बच्चों को केवल नागरिकता प्राप्त करने के लिए अमेरिका में जन्म देते हैं।
20 फरवरी की महत्वता और प्रवासी परिवारों की चिंता
20 फरवरी की तारीख को लेकर प्रवासी परिवारों के बीच अत्यधिक चिंता और हड़कंप मच गया है। अमेरिका में नागरिकता प्राप्त करने का यह अवसर अब सीमित समय के लिए उपलब्ध है, और इसी कारण से प्रवासी परिवारों में बच्चों को इस तारीख से पहले जन्म देने की होड़ मच गई है। कुछ परिवारों ने तो अस्पतालों में अपनी जगह पहले ही आरक्षित करवा ली है ताकि वे अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने के इस अवसर का लाभ उठा सकें।
कुछ रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि कुछ प्रवासी परिवार जानबूझकर अमेरिका आने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि उनका बच्चा अमेरिकी नागरिक बन सके। इसके लिए वे अपने वीजा की स्थिति को लेकर कई तरह की कोशिशें कर रहे हैं। यह स्थिति अमेरिका के कुछ प्रमुख अस्पतालों में भी तनाव बढ़ा रही है, क्योंकि वहां अधिक संख्या में बच्चों के जन्म की संभावना बढ़ गई है।
ट्रंप के फैसले का विरोध
ट्रंप के इस फैसले के खिलाफ कई मानवाधिकार संगठन और प्रवासी अधिकार समूह आवाज उठा रहे हैं। उनका कहना है कि यह निर्णय अमेरिका के इतिहास और मूल्यों के खिलाफ है। उनका आरोप है कि यह कदम प्रवासियों के खिलाफ भेदभाव और असमानता को बढ़ावा देगा। कई न्यायविदों का यह भी कहना है कि संविधान में बदलाव करने के लिए इस फैसले को व्यापक कानूनी परीक्षण और संसद की स्वीकृति की आवश्यकता होगी, और ट्रंप सरकार इसे बिना कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए लागू नहीं कर सकती।
इसके अलावा, कुछ विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि इस फैसले का प्रभाव अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है। अमेरिका में काम करने वाले कई प्रवासी श्रमिकों की संख्या अधिक है, और उनके परिवारों को नागरिकता मिलने से देश की सामाजिक संरचना में विविधता और समृद्धि आती है। अगर यह कानून बदलता है, तो इसका असर अमेरिका की श्रमिक शक्ति और कई उद्योगों पर पड़ सकता है।
भविष्य का रुझान
हालांकि ट्रंप ने इस फैसले को लागू करने की योजना बनाई है, लेकिन इसके कानूनी विवाद और राजनीतिक दबाव को देखते हुए इसका भविष्य अनिश्चित है। अमेरिकी न्यायपालिका और कांग्रेस में इसके खिलाफ काफी विरोध है, और संभावना है कि इसे चुनौती दी जाएगी। इस बीच, अमेरिकी समाज और राजनीति में इस फैसले को लेकर बहस जारी रहेगी।
ट्रंप के इस निर्णय ने देश में प्रवासियों के लिए एक नई अनिश्चितता पैदा कर दी है, और यह सवाल भी उठाया है कि क्या अमेरिका अपनी नागरिकता प्रणाली को फिर से परिभाषित करेगा, या यह केवल एक अस्थायी कदम होगा। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर कई कानूनी लड़ाइयाँ और राजनीतिक बहसें हो सकती हैं।
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किया गया यह निर्णय अमेरिका में जन्मजात नागरिकता के अधिकार को समाप्त करने के बारे में एक ऐतिहासिक और विवादास्पद कदम है। यह फैसला विशेष रूप से प्रवासी परिवारों के लिए चिंताजनक है, क्योंकि इससे उनका अमेरिकी नागरिकता प्राप्त करने का अवसर समाप्त हो सकता है। हालांकि, इस फैसले के कानूनी और राजनीतिक परिणाम अभी अनिश्चित हैं, लेकिन यह निश्चित रूप से अमेरिका की नागरिकता नीति पर एक गहरा असर डालने वाला कदम साबित हो सकता है।