
- समाज के विकास के असली मार्गदर्शन शिक्षक की हैं और उनके बिना देश को एक विकासशील देश की तरह देखना असंभव है:अरविन्द कुमार
कैरो:- शाइन पब्लिक स्कूल नगजुवा गराडी में बड़े ही धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया गया।
सबसे पहले बच्चों द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत बुके दे कर और माला पहना कर किया। उसके बाद मुख्य अतिथि झारखंड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के केंद्रीय अध्यक्ष अरविन्द कुमार महासचिव मोजाहिदुल इस्लाम कोषाधक्ष आलोक बिपीन टोप्पो सचिव कैलाश कुमार ,अमीन अंसारी सुबोजित अधिकारी उपाध्यक्ष सच्चिदानंद कुमार सुभाष कुमार प्रीम रोज पब्लिक स्कूल बड़ागाई रांची की प्रधानाध्यापिका इस्मत इस्लाम डिवाइन पब्लिक स्कूल के निदेशक ज्ञान गंगा सिंह अमन दीप सिंह ताइक्वांडो के प्रशिक्षक अरविंद कुमार और स्कूल प्रधानाध्यापक सैलजैन सारस निदेशक माजिद आलम के द्वारा सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का सुभारंभ किया गया।

इस बीच मुख्य अतिथि अरविन्द कुमार ने कहा की समाज में शिक्षक के महत्व पर विस्तृत व्याख्यान दिया एवं बताया कि वर्तमान समाज में शिक्षा और शिक्षक ही हैं समाज के विकास के मार्गदर्शक। उन्होंने आदर्श समाज की स्थापना के लिए शिक्षकों के योगदान की सराहना की।
उन्होंने बताया कि समाज के विकास के असली मार्गदर्शन शिक्षक की हैं और उनके बिना देश को एक विकासशील देश की तरह देखना असंभव है। वही विशिष्ट अतिथि मोजाहिदुल इस्लाम ने कहा की आज के बच्चे कल के भविष्य हैं और इस लिए सभी बच्चों को शिक्षा का महत्व को समझना चाहिए और खूब मन लगा कर पढ़ना चाहिए ताकि अपने और अपने परिवार के साथ देश का भी नाम रौशन कर सके।
विद्यालय के निदेशक माजिद आलम ने शिक्षक दिवस के महत्व एवं सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन के मूल्य पर प्रकाश डाला एवं बच्चों को उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने बताया कि समाज में शिक्षक के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए क्योंकि यही शिक्षक राष्ट्र के निर्माता हैं। इस बीच बच्चों द्वारा रंगा रंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमे हिंदी नागपुरी गाना पर डांस और हिंदी इंग्लिश में भाषण और नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के सभी बच्चे और सभी शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस मौके पर मिस सीमा मिस प्रीति पिंकी सांगा अमीषा लकड़ा मनीषा लकड़ा अगथा केरकेट्टा परवेज आलम अरमान अंसारी और हजारों के सांख्य में अभिभावक और ग्रामीण उपस्थित थे।