भाकपा (माओवादी) से अलग होकर गठित हुई झारखंड जन मुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के एक स्वयंभू कमांडर सहित दोना नक्सलियों ने शुक्रवार को लातेहार जिले में सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।पुलिस ने बताया कि उनकी पहचान जेजेएमपी के स्वयंभू कमांडर मनोहर परहिया और क्षेत्रीय कमांडर दीपक कुमार भुइयां उर्फ कुंदन के रूप में हुई है।पुलिस ने बताया कि मनोहर कई अपराधों में कथित तौर पर संलिप्त रहा है जिसमें भाजपा नेता जयवर्द्धन सिंह की हत्या भी शामिल है।

लातेहार:- झारखण्ड सरकार कि आत्मसमर्पण नीति ‘नई दिशा’ से प्रभावित होकर शुक्रवार को 10 लाख के इनामी प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया, एवं एरिया कमांडर दिपक कुमार भुईयों उर्फ कुन्दन जी ने पलामू आईजी राजकुमार लकड़ा और एसपी अंजनी अंजन के समक्ष आत्मसमर्पण किया है वहीं शुक्रवार को पुलिस सभागार में प्रेस वार्ता कर पलामू आईजी राजकुमार लकड़ लकड़ा ने कहा कि पलामू जिला से 04 अप्रैल 2001 को अलग होकर नया जिला बना लातेहार भौगोलिक परिस्थिति के कारण लातेहार जिला का अधिकांश भाग माओवाद एवं उग्रवाद से प्रभावित था। माओवादियों एवं उग्रवादियों के विरुद्ध झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ कोबरा, झारखण्ड जगुआर के द्वारा संयुक्त अभियान लातेहार जिला में लगातार चलाया गया ।सुदूरवर्ति क्षेत्रों में थाना/पिकेट स्थापित कर उग्रवादियों के विरुद्ध लगातार अभियान चलाया गया।

इस दौरान माओवादियों / उग्रवादियों से मुठभेड़ में कई बार माओवादी संगठन को भारी नुकसान हुआ एवं माओवादी संगठन छोटे-छोटे संगठन में बढ़ गये। जिनमें जेजेएमपी० टीएस पीसी पीएल एफआई / एस जेजेएम एवं अन्य छोटे स्पीटर ग्रुप लातेहार जिले में सक्रिय हो गये। विगत वर्षों में लातेहार पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस के द्वारा संयुक्त रुप से माओवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन डबल बूल एवं ऑपरेशन ऑक्टोपस चलाया गया जिसमें कई माओवादियों ने इस क्रम में आत्मसमर्पण किया, बहुत से माओवादियों एवं उग्रवादियों की गिरफ्तारी हुई, कई मुठभेड़ में मारे गये। सयुक्त अभियान में सुरक्षा बलों को कई बार आई०ई०डी० से भरे मार्गों से गुजरना पड़ा, माओवादियों के द्वारा हमला करने पर उनकी गोलियों और बमों को भी झेलना पड़ा। माओवादियों से मुठभेड के दौरान हमारे कई वीर सुरक्षाकर्मी गम्भीर रुप से जख्मी भी हुए हैं।
इन सभी विपरीत परिस्थीतियों का सामना करते हुए झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल सीआरपीएफ ने अभियान जारी रखावही पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने कहा कि लातेहार जिले में माओवादियों का प्रभाव पूर्व की तुलना में कम हो चुका है। छोटे-छोटे संगठन टीएस पीसी/ जेजे एमपी के विरुद्ध लातेहार पुलिस लगातार दबिश बनाये हुए है। 20 नवम्बर 2022 को पुलिस एवं जेजे एमपी उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन उग्रवादी ढेर हुए जिसके कारण जेजे एमपी० संगठन कमजोर हुआ है एवं झारखण्ड पुलिस के आत्म समर्पण एवं पुनर्वास निति से प्रभावित होकर कई जेजे एमपी कमांडर एवं सदस्यों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें कमलेश सिंह उर्फ मुकेश सिंह उर्फ नाना जी (सब जोनल कमिटी सदस्य,) जेजे एमपी , रघुनाथ सिंह खेरवार (एरियाकमाण्डर,) जेजे एमपी सत्येन्द्र उरांव उर्फ अभिमन्यु (एरिया कमाण्डर,) जेजेएमपी संजय प्रजापति (एरिया कमाण्डर) जेजेएमपी ने आत्मसमर्पण किया। बिरबल उरांव उर्फ सुशील उरांव उर्फ विधायक (सब जोनल कमिटी सदस्य, जेजे एमपी . 05 लाख का ईनामी) एवं अन्य कई जे०जे०एम०पी० उग्रवादियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।आगे उन्होंने ने कहा कि झारखण्ड सरकार कि आत्मसमर्पण नीति ‘नई दिशा’ से प्रभावित होकर शुक्रवार को प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जे० जे०एम०पी० उग्रवादी संगठन के जोनल कमांडर मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया, उम्र 39 वर्ष (झारखण्ड सरकार के द्वारा घोषित 10 लाख का ईनामी), पिता-हिरदन परहिया, सा०-अम्वाटीकर, टोला-चुडरवा, थाना-छिपादोहर, जिला-लातेहार, दिपक कुमार भुईयों उर्फ कुन्दन जी, उम्र-28 वर्ष, पिता-कुंवर भुईयों, सा०-चाँपीकला, थाना-पांकी, जिला-पलामू जे०जे०एम०पी० एरिया कमांडर श्री राजकुमार लकड़ा, पुलिस महानिरीक्षक, पलामू प्रक्षेत्र, पलामू श्री पंकज कुमार, पुलिस उप महानिरीक्षक, सी०आर०पी०एफ० पलामू जोन, श्री अंजनी अंजन, पुलिस अधीक्षक, लातेहार, श्री रविशंकर मिश्रा, समादेष्टा, आसूचना झारखण्ड सेक्टर, वेद प्रकाश त्रिपाठी, समादेष्टा, 11 बटालियन, अभिनव आनन्द, प्रभारी समादेष्टा, सी०आर०पी०एफ० 214 बटालियन, विनोद कुमार कनौजिया, द्वितीय समादेशक, 11 बटालियन, रंधीर कुमार झा, द्वितीय समादेशक, 214 बटालियन के समक्ष आत्मसमर्पण किया है ।प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजे एमपी० उग्रवादी संगठन के मनोहर परहिया उर्फ विमलेश परहिया,वर्ष 2004 में अपने गाँव के कुछ लड़को के साथ भा०क०पा० माओवादी संगठन में शामिल हुवा था एवं वर्ष 2010 में भाकपा माओवादी संगठन को छोड़ दिया तथा वर्ष 2011 में जेजेएमपी संगठन में शामिल हुआ। वर्ष 2012 में सबजोनल कमांडर बनाया गया। उपेन्द्र सिंह खेरवार जोनल कमांडर 2018 में सरेंडर किये जिसके उपरान्त इन्हें जोनल कमांडर के पद पर नियुक्त किया गया। मोहन परहिया और दीपक भुईया का पहले से कई थानों में अपराधिक इतिहास रहा है।