
लातेहार:-जिले में विभिन्न कार्य एजेंसियों में टेंडर मैनेज का खेल खुलेआम चल रहा है।चाहे एसडीओ कार्यालय हो या एसडीपीओ कार्यालय या फिर समाहरणालय परिसर हर जगह यह नजारा आम है। लातेहार में टेंडर मैनेज का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ सरकार विकास करने के लिए हर एक हथकंडे अपना रही है। वहीं दूसरी ओर विकास योजना में बिचौलिए सरकार को चुना लगा रहे हैं। विकास योजना धरातल पर उतरने से पूर्व ही भ्रष्टाचार का भेंट चढ़ गया। कैसे कल्पना की जा सकती है की योजना गुणवत्तापूर्ण बनाया जायेगा। किसी भी विभाग से टेंडर निकलने के बाद टेंडर मैनेज करने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कई संवेदक इसी लिहाज से टेंडर में शिरकत करते हैं कि उन्हें टेंडर मैनेज करने के नाम पर कुछ कमाई हो जाये। क्योंकि संबंधित विभाग में रजिस्टर्ड संवेदक को ढ़ाई तीन हजार रुपये में पेपर खरीदकर करीब चार गुणा राशि की कमाई हो जाती है। काम करने के इच्छुक संवेदक को संबंधित संवेदकों को मैनेज करने की मजबूरी होती है। इसके बाद ही शुरू हो जाता है टेंडर मैनेज करने का खेल। इसके बाद ऐसे संवेदक सार्वजनिक स्थानों पर ही अपना रेट बताना शुरू कर देते हैं।

काम करने का इच्छुक संवेदक उन्हें पैसे बांटता नजर आ जाता है। कई मौकों पर मनचाहे रेट में टेंडर लेने के लिए ही पूर्व में टेंडर मैनेज कर लिया जाता है और कार्य लेने के दौरान तयशुदा राशि संबंधित टेंडर में हिस्सा लेने वाले अन्य संवेदकों को बांट दी जाती है। कई मौके पर विवाद के बीच पैसे के लेन देन से ही मामले को निपटाने का प्रयास होता है। शनिवार की शाम ऐसा ही नजारा समाहरणालय परिसर में ही देखने को मिला। भवन निर्माण विभाग लातेहार के द्वारा निविदा आमंत्रण सूचना संख्या 30/2023/24. 1.09 करोड़ रुपए का पांच ऑफ लाइन टेंडर निकला गया था पर दो टेंडर सूत्रों के मुताबिक पांच पांच प्रतिशत मे मैनेज हो गया इसके तहत संबंधित टेंडर में 30 प्रतिशत निम्न तक जा सकता है।