
- : कहा – कहीं तो कोई कमी रही होगी, जो सदियों तक नहीं बन पाया मंदिर, कमी आज हुई पूरी
बसंत कुमार गुप्ता व्यूरो प्रमुख गुमला,
अयोध्या:- राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर अयोध्या पहुंचे विशिष्ट अतिथियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया के कोने-कोने से जुड़े सभी राम भक्त आप सभी को प्रणाम। आप सभी को राम-राम आज हमारे राम आ गए हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद हमारे राम आ गए हैं। सदियों का अभूतपूर्व धैर्य, अनगिनत बलिदान, तपस्या के बाद हमारे राम आ गए हैं। इस शुभ घड़ी में समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। मैं अभी गर्भगृह में ईश्वरीय चेतना का साक्षी बनकर आपके सामने उपस्थित हूं। कितना कुछ कहने को है। मेरा शरीर अभी भी स्पंदित है। चित्त अभी भी उस पल में लीन है। हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे। हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे। मेरा पक्का विश्वास, अपार श्रद्धा है कि जो घटित हुआ है, उसकी अनुभूति दुनिया में हर रामभक्त को रही होगी। ये माहौल, ये वातावरण, ये ऊर्जा, ये घड़ी, हम सब पर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है। 22 जनवरी 2024 का सूरज एक अद्भुत ऊर्जा लेकर आया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था। आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है। गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है। इसके साथ ही आज से हजार साल बाद भी लोग आज के इस पल, तारीख की चर्चा करेंगे। राम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं। मैं पावन अयोध्यापुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। मैं इस समय दैवीय अनुभूति कर रहा हूं। वे दैवीय अनुभूतियां भी हमारे आसपास उपस्थित हैं, उन्हें कृतज्ञतापूर्वक नमन करता हूं। प्रभु राम से क्षमायाचना भी करता हूं। हमारे त्याग, तपस्या, पूजा में कोई तो कमी रह गई होगी कि इतने साल ये काम नहीं कर पाए। आज ये कमी पूरी हुई। मुझे विश्वास है कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे। उन्होंने कहा कि त्रेता में राम आगमन पर तुलसी ने लिखा कि प्रभु के अयोध्या आगमन से सभी देशवासी हर्ष से भर गए। जो विपत्ति आई थी, वो खत्म हो गई। वो 14 वर्षों का था। अब तो हमने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा है। भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई चली। मैं न्यायपालिका का शुक्रगुजार हूं कि उसने लाज रख ली। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मौके पर अयोध्या पहुंचे विशिष्ट अतिथियों को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि मैं आपका सभी का स्वागत करता हूं। उन्होंने राम मंदिर को राष्ट्र मंदिर बताया और कहा कि श्रीराम जन्मभूमि, विश्व में पहला ऐसा अनूठा प्रकरण रहा होगा, जिसमें किसी राष्ट्र के बहुसंख्यक समाज ने अपने ही देश में अपने आराध्य की जन्मस्थली पर मंदिर निर्माण के लिए इतने सालों तक लड़ाई लड़ी हो। वहीं, सीएम योगी ने कहा कि आज का दिन मेरे निजी जीवन के लिए सबसे बड़े आनंद का अवसर है। यह श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति का संकल्प ही था, जिसने मुझे पूज्य गुरुदेव, राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत श्री अवैद्यनाथ जी महाराज का पुण्य सान्निध्य प्राप्त कराया। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति महायज्ञ न केवल सनातन आस्था व विश्वास की परीक्षा का काल रहा बल्कि संपूर्ण भारत को एकात्मकता के सूत्र में बांधने के लिए राष्ट्र की सामूहिक चेतना जागरण के ध्येय में भी सफल सिद्ध हुआ. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की स्थापना भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का आध्यात्मिक अनुष्ठान है, यह ‘राष्ट्र मंदिर’ है. निःसंदेह! श्रीरामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है।
उन्होंने आगे कहा कि हमें संतोष है कि मंदिर वहीं बना है, जहां बनाने की सौगंध ली थी। 500 वर्षों के सुदीर्घ अंतराल के बाद आए प्रभु श्रीरामलला के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक और अत्यंत पावन अवसर पर आज पूरा भारत भाव-विभोर और भाव विह्वल है. श्री अवधपुरी में श्री रामलला का विराजना भारत में ‘रामराज्य’ की स्थापना की उद्घोषणा है. ‘सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती’ की परिकल्पना साकार हो उठी है।