लातेहार/मनिका। संवाददाता: दिनेश यादव,
मनिका प्रखंड के बंदुआ पंचायत अंतर्गत बगडेगवा गांव में ग्रामीणों ने पत्थर माफियाओं और लीज लेने की प्रक्रिया के खिलाफ जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का साफ कहना है कि वे अपनी जमीन और घर किसी भी हाल में पत्थर खदान के नाम पर नहीं देंगे। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि लोग खुलकर ऐलान कर रहे हैं – “जान देंगे, पर जमीन नहीं देंगे।”
ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ दलाल और बिचौलिए मिलकर गांव में पत्थर खदान खुलवाने की कोशिश कर रहे हैं। गांव के बीचोबीच जहां कई घर, देवस्थान और धूमकुड़ियां भवन मौजूद हैं, वहीं सौ मीटर की दूरी में खदान लीज पर देने की साजिश की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सिर्फ उनकी ज़मीन और संस्कृति पर हमला नहीं है, बल्कि बच्चों और किसानों के भविष्य के साथ सीधा खिलवाड़ है।
गांव से प्रतिदिन कई बच्चे उत्क्रमित उच्च विद्यालय और प्राथमिक विद्यालय पढ़ने जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पत्थर खदान शुरू हुई, तो इस रास्ते से गुजरने वाले मासूम बच्चों की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। लगातार चलने वाले भारी वाहन और खदान से होने वाले विस्फोट कभी भी गंभीर हादसे को जन्म दे सकते हैं। साथ ही खेती-किसानी पर भी बुरा असर पड़ेगा, क्योंकि धूल और शोर से फसलें चौपट हो जाएंगी।
देवस्थान और धूमकुड़ियां भवन ग्रामीणों की आस्था और सामाजिक पहचान का प्रतीक हैं। ऐसे धार्मिक और सामाजिक स्थलों से महज सौ मीटर की दूरी पर खदान खोलने की कोशिश ग्रामीणों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है।
ग्रामीणों ने बताया कि उन्हें लगातार दबाव और धमकी दी जा रही है। बिचौलिए खुले तौर पर कह रहे हैं कि सभी ग्रामीणों को विस्थापित होना पड़ेगा, चाहे वे मानें या न मानें। विरोध करने वालों को जेल भेजने की धमकी भी दी जा रही है। इससे पूरे गांव में दहशत का माहौल है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण डटे हुए हैं।
मौके पर मौजूद हरिहर यादव, राजेंद्र यादव, विनोद यादव, वीरेंद्र यादव, मुसाफिर यादव, वकील यादव, कामेश्वर यादव, जीतन यादव, लाल बिहारी यादव, दिनेश यादव सिधवान, सोनिया देवी, माहेश्वरी कुमारी, अनु प्रिती देवी, रूनी कुंवर सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि वे अपनी जमीन किसी कीमत पर पत्थर माफियाओं को नहीं देंगे।