
बरहरवा।आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि पर गुरु-शिष्य परंपरा को समर्पित गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरुवार को नगर सहित प्रखंड के विभिन्न आश्रमों, मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों में भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, महाजन टोली स्थित बाल जोगेश्वर आश्रम, नीलकाठी स्थित संतमत सत्संग आश्रम, संगत घाट आश्रम, रामघाट साईं बाबा मंदिर समेत कई स्थलों पर श्रद्धालुओं ने अपने-अपने गुरुओं के प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए आरती, पूजन, सत्संग एवं भोग निवेदन किया। भक्तों ने गुरुओं के चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
सुबह से ही शहर के बाजारों में गुरु पूर्णिमा को लेकर चहल-पहल और भक्तिमय वातावरण देखने को मिला। सूर्य देव घाट, फेरी घाट, बजरंग घाट, रामघाट, नीलकोठी घाट एवं संगत घाट सहित उत्तरवाहिनी गंगा के विभिन्न तटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना और दान-पुण्य किया। श्रद्धालु बरहरवा, बरहेट, राधानगर सहित आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पहुंचे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा गुरु दक्षिणा कार्यक्रम का आयोजन सरस्वती शिशु मंदिर सभागार में किया गया। कार्यक्रम में संघ के वरिष्ठ पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। उन्होंने स्वयंसेवकों को गुरु-शिष्य परंपरा की महत्ता एवं इस दिन के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भों की विस्तृत जानकारी दी।
गुरु पूर्णिमा न केवल गुरु के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन है, बल्कि यह उस ज्ञान परंपरा की स्मृति भी है जब भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति रूप में ब्रह्मा के मानस पुत्रों को वेदों का ज्ञान दिया था। इसी दिन महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास का जन्म भी हुआ था, जिनके सम्मान में इस दिन को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है।