मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत गव्य विकास कार्यक्रम

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मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत गव्य विकास कार्यक्रम

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना पशुपालकों के लिए एक योजना है। इस योजना के तहत पशुपालकों को अच्छी नस्ल के पशु खरीदने में मदद की जाती है। पशु खरीदने पर 90% लेकर 75% तक का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाता है। इस योजना के माध्यम से आम नागरिक अथवा किसान गाय, बकरी, सूअर, बत्तख, मुर्गी आदि का पालन कर सकता है।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत गव्य विकास कार्यक्रम


1.  योजना का नाम :- दो दुधारू गाय /भैस की योजना
परियोजना लागत  :- 1,35,050
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- सभी महिला लाभुकों के लिए (आपदा/ आगलगी में प्रभावित /सड़क दुर्घटना से प्रभावित परित्यक्त दिब्यांग महिलाओं को छोड़ कर)
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- आपदा /आगलगी से प्रभावित / सड़क दुर्घटना से प्रभावित / परित्यक्त / दिव्यांग महिलाओं के लिए


2.  कामधेन डेयरी फार्मिंग  
(क)  योजना का नाम :- पांच दुधारू गाय /भैंस वितरण की  योजना मिनी डेयरी (05 गाय/ भैंस)
परियोजना लागत:- 3,37,625
अनुदान प्रतिशत :- 50 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


(ख)  योजना का नाम :- दस दुधारू गाय /भैंस वितरण की  योजना मिनी डेयरी (10 गाय/ भैंस)
परियोजना लागत :- 6,75,250
अनुदान प्रतिशत :- 50 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


3.  चारा काटने का मशीन
(क)  योजना का नाम :- हस्त चालित चैफ कटर वितरण की योजना
परियोजना लागत :- 8,000
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत


लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए/अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए
(ख)  योजना का नाम :- विद्युत चालित चैफ कटर वितरण की योजना
परियोजना लागत :- 20,000
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए/अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


4.  प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता
(क)  योजना का नाम :- मिल्कींग मशीन
परियोजना लागत :- 1,20,000
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


(ख)  योजना का नाम :- पनीर एवं खोआ मेकिंग यूनिट
परियोजना लागत :- 1,00,000
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


(ग)  योजना का नाम :- वर्मी कम्पोस्ट यूनिट
परियोजना लागत :- 25,000
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


  (घ) योजना का नाम :- डीप बोरिंग
परियोजना लागत :- 1,00,000
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुदान पर अनुसूचित जाति / जनजाति के लाभुकों/ दुग्ध सहकारी समिति के लाभुकों के लिए


(च) योजना का नाम :- काउ मैट
परियोजना लागत :- 5,200
अनुदान प्रतिशत :- 75 प्रतिशत
लाभुक वर्ग :- अनुसूचित जाति/जन‌जाति लाभुकों के अतिरिक्त अन्य सभी लाभुकों के लिए
अनुदान प्रतिशत :- 90 प्रतिशत

आहर्ता / नियम व शर्ते : –

•इस योजना के अन्तर्गत लाभुकों का चयन ग्रामसभा से कराते हुए चयनित सूची पर प्रखण्ड स्तरीय समिति की अनुसंशा उपरांत उपायुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति द्वारा अन्तिम रूप से लाभुकों का चयन किया जाएगा।


•विगत पाँच वर्षों में जिन परिवारों (JSFSS/NFHS अंतर्गत परिभाषित) द्वारा अनुदान का लाभ लिया गया है, उन्हें पुनः अनुदान अनुमान्य नहीं होगा।
•दुधारू मवेशी वितरण योजना अन्तर्गत योजना का क्रियान्वयन अनुदान सह- लाभुक अंशदान पर किया जायेगा।


•दुधारू मवेशी वितरण योजना का क्रियान्वयन के क्रम में दुधारू मवेशी का क्रय 6 माह के अंतराल पर दो चरणों में किया जाएगा।
•दुधारू पशु वितरण कार्यक्रम अन्तर्गत पशु सेड का निर्माण मनरेगा अंतर्गत उपलब्ध निधी के अभिसरण से किया जाएगा। पूर्व से मनरेगा अन्तर्गत निर्मित पशु सेड के लाभुकों को इसका लाभ देय नहीं होगा।
•लाभुक द्वारा दुधारू पशुओं का क्रय गव्य विकास निदेशालय से निबंधित / सूचीबद्ध विक्रेता से किया जाएगा।


•हस्त चालित/विद्युत चालित चारा काटने की मशीन की योजना का लाभ गव्य विकास निदेशालय द्वारा निर्धारित इकाई दर अथवा राज्यादेश मे उल्लेखित दर दोनो में जो कम होगा उसके आधार पर क्रय उपरांत अनुदान राशि का भुगतान लाभुकों को उनके दावा विपत्र के आधार पर किया जाएगा।


•चारा काटने की मशीन की योजना के लाभुकों द्वारा हरा चारा उत्पादन किया जाना अनिवार्य होगा।
•प्रगतिशील डेयरी कृषकों को सहायता की योजना अन्तर्गत स्वीकृत अनुदान राशि का भुगतान गव्य विकास निदेशालय द्वारा निर्धारित दर अथवा राज्यादेश में उल्लेखित दर दोनो में जो कम होगा, के आधार पर क्रय उपरांत लाभुकों के दावा विपत्र के आधार पर किया जाएगा।


•वर्मी कम्पोस्ट यूनिट एवं डीप बोरिंग आदि हेतु सक्षम स्तर से तकनीकी स्वकृत प्राप्त प्राक्कलित राशि अथवा योजना के अनुमानित लागत दोनो में जो कम हो के आधार पर कार्य उपरांत अनुदान की राशि लाभुकों को उनके दावा विपत्र के आधार पर भुगतान किया जाएगा।
•गव्य विकास निदेशालय द्वारा चारा काटने की मशीन, मिल्कींग मशीन, खोआ/पनीर मेकिंग यूनिट तथा काउ मैट आदि की विशिष्टियों / गुणवत्ता विभाग द्वारा नि रित की जाएगी।
•लाभुकों को अनुदान राशि का भुगतान बैंक खातों में DBT के माध्यम से झारखण्ड कोषागार संहिता 2016 के आलोक में किया जायेगा।

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