रांची:- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने गुरुवार को भाजपा में शामिल होकर एक नई राजनीतिक दिशा की ओर कदम बढ़ाया। धुर्वा गोलचक्कर के शाखा मैदान में आयोजित विशेष अभिनंदन सह मिलन समारोह में, चंपाई सोरेन को भाजपा की सदस्यता दिलवाने का कार्यक्रम मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने सम्पन्न किया। इस अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने समारोह को और भी विशेष बना दिया।
चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के समय उनकी भावुकता ने समारोह को एक भावनात्मक छटा दी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपाई को माला पहनाकर पार्टी में स्वागत किया। मंच पर शिवराज सिंह चौहान, हिमंता बिस्व सरमा, पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी, और नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी जैसे कई भाजपा दिग्गज नेता उपस्थित रहे। चंपाई सोरेन ने समारोह के दौरान जय श्रीराम के नारे भी लगाए, जिससे उनकी नई पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता और उत्साह स्पष्ट हुआ।
भाजपा नेत्री सीता सोरेन ने अपने संबोधन में चंपाई सोरेन का गर्मजोशी से स्वागत किया और झामुमो (जेएमएम) पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने तीर धनुष को कब्जा कर लिया है और चाचा चंपाई सोरेन का अपमान किया है। सीता ने आरोप लगाया कि जेएमएम में पुराने नेताओं की उपेक्षा हो रही है और हेमंत सरकार ने अब तक किए गए वादे पूरे नहीं किए हैं।
भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद, चंपाई सोरेन ने मंच पर मौजूद नेताओं को संताली में अभिवादन किया। उन्होंने कहा कि जिस संगठन को उन्होंने खून-पसीने से सींचा, वहीं उन्हें अपमानित किया गया। चंपाई ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने का मन बनाया था, लेकिन जनता के दुख और विश्वास को देखते हुए भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। उन्होंने जेएमएम और हेमंत सोरेन पर आरोप लगाया कि उनके लोग ही उनकी जासूसी कर रहे हैं। चंपाई ने भाजपा में शामिल होकर आदिवासियों और संताल परगना के अधिकारों की रक्षा का संकल्प लिया और कहा कि भाजपा ही आदिवासियों के सम्मान और विकास की रक्षा कर सकती है।
कार्यक्रम में जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो ने जेएमएम पर हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी परिवारवाद पर चल रही है और आंदोलनकारियों का अपमान कर रही है। उन्होंने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की भूमिका की सराहना की, जिन्होंने झारखंड को अलग राज्य बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। महतो ने चंपाई सोरेन की भूमिका की भी सराहना की, जिन्होंने जेएमएम को मजबूती प्रदान की।
चंपाई सोरेन के मुख्यमंत्री काल के दौरान, हेमंत सोरेन को जनवरी में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद, चंपाई सोरेन ने दो फरवरी को मुख्यमंत्री पद संभाला। छह माह बाद हेमंत सोरेन की जमानत पर रिहाई के बाद चंपाई ने जुलाई में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और हेमंत सोरेन ने पुनः मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। चंपाई को हेमंत कैबिनेट में जल संसाधन और उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग का कार्यभार सौंपा गया था।
चंपाई सोरेन ने भाजपा में शामिल होने के बाद कहा कि संथाल परगना और झारखंड को बचाने के लिए भाजपा ही विकल्प है। उन्होंने संथाल परगना में हुई समस्याओं और सरकार की चुप्पी की आलोचना की। चंपाई ने कहा कि उन्होंने झामुमो छोड़ने के बाद भाजपा में जाने का निर्णय लिया, क्योंकि कांग्रेस ने झारखंड आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर अत्याचार किया था।
सोशल मीडिया पर चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके पेज की रंगत भी बदल गई। पहले हरापन लिए उनके मीडिया एकाउंट अब पूरी तरह से केसरिया रंग में नजर आ रहे हैं, जो उनकी नई पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।