नीरज सिन्हा,
लातेहार :- चतरा सीट के लिए मतदान होने में महज एक सप्ताह रह गया है, पर चुनाव प्रचार ने अभी तक परवान नहीं चढ़ पाया है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनाव प्रचार में ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक जोर दिया जा रहा है। छोटी-छोटी सभाओं और जनसंपर्क अभियान के माध्यम से मतदाताओं को रिझाने के प्रयास किये जा रहै हैं, पर मतदाताओं की खामोशी से उम्मीदवारों के साथ ही कार्यकर्ताओं के पसीने छूट रहे हैं।चतरा संसदीय क्षेत्र से भाजपा, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों के अलावा निर्दलीय सहित 22 प्रत्याशियों लोकसभा पहुंचने के लिए भाग्य आजमा रहे हैं। चुनाव आयोग की कड़ाई के कारण चुनावी भोंपू का शोर भी कम सुनाई पड़ रहा है। चुनाव खर्च की अधिकतम राशि निर्धारित कर दिये जाने के कारण राजनीतिक दल भी चुनावी सभाओं, बड़े विज्ञापनों प्रचार वाहनों के बदले घर-घर जाकर मतदातेओ को अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं। हर उम्मीदवार अपनी जीत का दावा कर रहा है।
चतरा सीट पर बीजेपी के सामने अपना ही प्रदर्शन दोहराने की चुनौती पिछले दो लोकसभा चुनाव से चतरा संसदीय सीट बीजेपी के पास है। बीजेपी के वर्तमान सांसद सुनील कुमार सिंह ने 2014 में और फिर 2019 में लगातार जीत दर्ज किया है।2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील सिंह को 57.03 प्रतिशत मत प्राप्त हुआ था। उन्हें 5,28077 मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाली पार्टी के वोट के प्रतिशत में सबसे अधिक अंतर चतरा सीट पर ही देखने को मिला था।यहाँ बीजेपी को 57.03 प्रतिशत जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 16.22 प्रतिशत जबकि राजद के उम्मीदवार को 9 प्रतिशत वोट प्राप्त हुआ था। बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी के बीच वोट प्रतिशत का अन्तर तीन गुणा से अधिक रहा था। दो बार के सांसद सुनील सिंह का टिकट काटकर स्थानीय काली चरण सिंह को मौका दिया गया । काली सिंह बीजेपी के अनुभवी नेता हैं और वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें पार्टी और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। इस लोक सभा चुनाव में बजेपी प्रत्याशी के सामने सबसे बढ़ी चुनौती 2019 के चुनाव में बीजेपी के प्रदर्शन को दुहराने और सांसद सुनील सिंह के 57 प्रतिशत के वोट शेयर को बरकार रखने की होगी।
पिछले 40 वर्षों से कांग्रेस नहीं जीत सकी है चतरा लोकसभा,
झारखंड के चतरा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस और बीजेपी में सीधा मुकाबला है। लेकिन यह सीट कांग्रेस के लिए जीत पाना काफी चुनौती पूर्ण है,क्योंकि इस क्षेत्र से 1984 के बाद यानी 40 वर्षो से कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत हासिल नहीं की है। कांग्रेस ने अंतिम बार यहां से 1984 के लोकसभा चुनावों में योगेश्वर प्रसाद योगेश ने जीत दर्ज की थी। उन्होने जनता दल के सुखदेव प्रसाद वर्मा को हराया था। वर्मा को 54,478 और योगेश्वर प्रसाद योगेश को 2,11,020 को वोट मिले थे। उसके बाद से चतरा संसदीय सीट पर हुए पिछले नौ आम चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत हासिल नहीं हुई। 1984 में कांग्रेस के योगेश्वर प्रसाद योगेश यहां से सांसद बने थे। जो 1989 के चुनाव में हार गए। इसके बाद 1991 में कांग्रेस के नागमणि तीसरे नंबर पर, 1996 में कांग्रेस के मुमताज अंसारी तीसरे नंबर पर, 1998, 1999 और 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारा था। जबकि 2009 और 2014 में कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू दूसरे नंबर पर रहे। 2019 के चुनाव में कांग्रेस के मनोज कुमार यादव दूसरे नंबर पर रहे थे।
पिछले तीन चुनावों में कांग्रेस दूसरे स्थान पर हालांकि पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस लगातार दूसरे नंबर पर रही है। वर्ष 2009 के आम चुनावों में कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू 92,158 वोट ला कर दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें इंदर सिंह नामधारी ने हराया था। नामधारी को 1,08,336 वोट मिले थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के धीरज प्रसाद साहू दूसरे स्थान पर रहे थे। उन्हें 1,17,836 वोट मिले थे। विजेता बने भाजपा के सुनील कुमार सिंह को 2,95,862 वोट मिले थे। इसी प्रकार साल 2019 के भी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी मनोज कुमार यादव दूसरी स्थान पर रहे थे। यादव को 1,50,206 मत मिले थे। बीजेपी के सुनील कुमार सिंह को 5,28,077 मत मिले थे। हालांकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में चतरा संसदीय सीट से गठबंधन के राजद के साथ कांग्रेस को दोस्तना संघर्ष करना पड़ा था। राजद के प्रत्याशी सुभाष यादव तीसरे स्थान पर रहे थे। सुभाष यादव को 83,425 मत प्राप्त हुए थे।
चतरा सीट पर अब 22 उम्मीदवार चुनावी मैदान
चतरा लोक सभा सीट पर 3 राष्ट्रीय दलों के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। कमल के निशान पर भाजपा के पुराने नेता काली चरण सिंह हैं। महागठबंधन ने अपना उम्मीदवार पूर्व मंत्री के एन त्रिपाठी को बनाया हैं। बसपा के टिकट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और चतरा के पूर्व सांसद नागमणि भी ताल ठोक रहे हैं। क्षेत्रीय पार्टियों में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक, झारखंड पार्टी, बहुजन मुक्ति मोर्चा, अंबेडकरराईट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। चतरा सीट से 9 निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं।