प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में काशी तमिल संगमम् आज भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण का सशक्त प्रतीक बन चुका है। मोक्षदायिनी काशी की पावन धरती पर सोमवार को इसके चतुर्थ संस्करण का भव्य शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल श्री आर. एन. रवि, पुडुचेरी के उपराज्यपाल श्री के. कैलाशनाथन, केंद्रीय मंत्री डॉ. धर्मेंद्र प्रधान तथा केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन की गरिमामयी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर ‘ज्ञान, भाषा, साधना और संस्कृति’ के माध्यम से ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की भावना को और मजबूत बनाने का संदेश दिया गया। आयोजन के माध्यम से उत्तर और दक्षिण भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प दोहराया गया।
श्री रामेश्वरम की पावन भूमि से काशी पहुंचे तमिल बहनों और भाइयों का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों ने इसे भारतीय सभ्यता और सांस्कृतिक समन्वय का अनूठा उत्सव बताया।