पलामू में 15 से 30 अगस्त तक दो चरणों में चला फाइलेरिया उन्मूलन अभियान,फाइलेरिया से बचाव हेतू पलामू में 93 प्रतिशत लोगों खाई दवा : सिविल सर्जन

पलामू में 15 से 30 अगस्त तक दो चरणों में चला फाइलेरिया उन्मूलन अभियान,फाइलेरिया से बचाव हेतू पलामू में 93 प्रतिशत लोगों खाई दवा : सिविल सर्जन

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पलामू में 15 से 30 अगस्त तक दो चरणों में चला फाइलेरिया उन्मूलन अभियान,फाइलेरिया से बचाव हेतू पलामू में 93 प्रतिशत लोगों खाई दवा : सिविल सर्जन

मेदिनीनगर/पलामू:- मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान को प्रभावी बनाने और फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आज मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया।

फाइलेरिया उन्मूलन के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सूचना भवन में मीडिया कार्यशाला आयोजित

स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पलामू की ओर से स्थानीय सूचना भवन सभागार में आयोजित कार्यशाला में मीडियाकर्मियों को फाइलेरिया के दवा सेवन के महत्व, बीमारी के लक्षण, बचाव के उपाय और सरकारी प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए सिविल सर्जन डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि 15 से 25 तक अभियान का पहला चरण था। इस वर्ष की प्रगति का आकलन कर इस अभियान को आगे बढ़ाकर 26 से 30 अगस्त 2025 किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि 93% उपलब्धि हासिल किया है। उन्होंने फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खाने की अपील की। उन्होंने कहा कि पलामू में दवा खाने से लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। किसी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं देखा गया। मामूली शिकायतें मिली, लेकिन जागरूकता से उसका निदान करने में सफलता मिली।

सिविल सर्जन ने बताया कि फाइलेरिया सिर्फ पैर में ही नहीं होता, लेकिन ज्यादा पैर में होती है। क्योंकि पैर का संपर्क सीधा भूमि से रहने के कारण तापमान कम रहता है। इसलिए ज्यादा संभावनाएं पैर में होने का रहता है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से विशेष धन्यवाद दिया, जिनके माध्यम से लोगों में जागरूकता आई,पलामू बेहतर प्रदर्शन किया।

माइक्रोबायोलॉजिस्ट मासूम ने 26 से 30 अगस्त के बीच चलाये जा रहे फाइलेरिया मुक्ति अभियान के द्वितीय चरण की जानकारी दी। उन्होंने अभियान के तहत फाइलेरिया की दवा को खाकर इसके फैलाव की कड़ी को तोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है। यह फैलने वाली बीमारी है। फाइलेरिया से शरीर के अंगों में अपंगता आती है। आमलोग भी फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति को हीन भावना से देखते हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। समाज द्वारा तिरस्कृत नहीं किया जाना चाहिए। फाइलेरिया पीड़ित व्यक्तियों को सहायता और करूणा की आवश्यकता होती है।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी डॉ. असीम कुमार ने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए किए गये प्रशासनिक प्रयास की जानकारी दी। साथ ही कार्यशाला में शिरकत कर रहे सभी मीडियाकर्मियों को धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रेस/मीडियाकर्मियों के सहयोग से पलामू के लोगों में बेहतर जागरूकता आई है।

पदाधिकारियों के साथ प्रेस/ मीडियाकर्मियों ने खाई फाइलेरिया रोधी गोली

सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं अन्य पदाधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में प्रेस/ मीडियाकर्मियों ने फाइलेरिया रोधी गोली खाई। कार्यक्रम का संचालन पिरामल फाउंडेशन की सृजनी चक्रवर्ती ने किया। मौके पर पिरामल फाउंडेशन के गांधी फैलो चक्रधर साहू आदि उपस्थित थे। सिविल सर्जन ने मीडियाकर्मियों के साथ द्विपक्षीय संवाद कर उनके सवालों का जवाब देते हुए उनकी जिज्ञासाएं शांत की। प्रेस/मीडियाकर्मियों को एक पीपीटी के माध्यम से भी इसकी गहण जानकारी दी गई। सभी मीडियाकर्मियों को फलदार पौधा से स्वागत कर पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया।

कार्यक्रम को सफल बनाने में एपीआरओ बिजय कुमार ठाकुर, एपीआरओ अजीत तिवारी, गौरव कुमार, प्रेम कुमार, सतीश चौधरी, शशिकांत, चलीतर पाल, पप्पू कुमार, संजय कुमार आदि लगे थे। मौके पर बड़ी संख्या में प्रेस/मीडिया के सम्मानित प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।

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