
- झामुमो प्रखंड अध्यक्ष आर्सेन तिर्की ने उठाए सवाल
लातेहार जिले के भूसूर स्थित प्रस्तावित स्टेडियम की चारदीवारी निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा एनजीटी के नियमों की अवहेलना करते हुए अवैध बालू खनन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मंगलवार की शाम लगभग 4:47 बजे ओरंगा नदी क्षेत्र में निर्माण कार्य से जुड़ी जेसीबी मशीन और दो ट्रैक्टरों को खुलेआम बालू लोड करते देखा गया। यह कार्य निर्माण कंपनी के साइट इंचार्ज के निर्देश पर किया गया।
गौरतलब है कि वर्तमान में झारखंड सरकार ने नदी से बालू उठाव पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के निर्देशानुसार बिना पर्यावरणीय मंजूरी के किसी भी प्रकार का खनन कार्य पूर्णतः अवैध है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) लातेहार प्रखंड अध्यक्ष आर्सेन तिर्की ने इस घटनाक्रम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि “सरकारी नियम-कानून केवल आम लोगों पर लागू होते हैं। ठेकेदार और बड़ी कंपनियां खुलेआम अवैध खनन कर रही हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। यदि यही कार्य कोई आम ग्रामीण करता, तो उसके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज होती।”
उन्होंने आरोप लगाया कि ठेकेदार दबंगई के बल पर नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है और प्रशासनिक चुप्पी से उसे अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है। तिर्की ने जिला प्रशासन से इस मामले में निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
स्थानीय ग्रामीणों ने भी इस घटना को लेकर नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि “इस तरह से अवैध खनन से जहां पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, वहीं नदी की पारिस्थितिकी भी खतरे में पड़ जाती है।”
यह मामला प्रशासन की निष्क्रियता और पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी की ओर इशारा करता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या कानून केवल आम जनता पर लागू होता है? क्या बड़ी निर्माण कंपनियों को नियमों से छूट प्राप्त है?
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले को लेकर क्या रुख अपनाता है — निष्पक्ष कार्रवाई या एक और फाइल बंद?