
- *प्रज्ञा केंद्र का संचालन रोजाना सुबह 10 से शाम के 5 बजे तक होगा
- *प्रज्ञा केंद्रों की कार्यप्रणाली सुदृढ़ करने को लेकर डीसी ने की बैठक
अनूप कुमार गुप्ता,
न्यूज अप्रैजल प्रतिनिधि, गढ़वा। उपायुक्त दिनेश कुमार यादव ने मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के सभी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालकों के साथ समीक्षा बैठक की। इस वर्चुअल बैठक में सभी वीएलई (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर), अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ), प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ), अंचल अधिकारी (सीओ) और जिला स्तरीय अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रखंड और पंचायत स्तर पर नागरिकों को दी जा रही डिजिटल सेवाओं की गुणवत्ता को परखना, व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और सुलभ बनाना तथा जनहित को सर्वोपरि रखना था।
बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि प्रत्येक पंचायत स्तरीय प्रज्ञा केंद्र पर दी जा रही प्रमुख सेवाओं की सूची को एक रूट मैप के रूप में तैयार कर प्रदर्शित किया जाए। इसके अतिरिक्त प्रत्येक केंद्र पर बैनर, पोस्टर तथा विभिन्न सेवाओं के लिए निर्धारित शुल्क का चार्ट 15 अगस्त 2025 तक अनिवार्य रूप से लगाया जाना सुनिश्चित किया जाए। इससे नागरिकों को सेवा प्राप्त करते समय किसी प्रकार की असुविधा या भ्रम की स्थिति उत्पन्न नहीं होगी और सेवाएं पारदर्शिता के साथ प्रदान की जा सकेंगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सभी प्रज्ञा केंद्र रविवार एवं अन्य सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से संध्या 5 बजे तक अनिवार्य रूप से संचालित किए जाएं। नागरिकों की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए दो नोडल अधिकारियों—मनीष कुमार (मोबाइल नंबर: 7217724394) एवं कौशल किशोर (मोबाइल नंबर: 7217724435)—के संपर्क नंबर साझा किए गए हैं। ये अधिकारी नागरिकों की समस्याओं के निराकरण में सहायक सिद्ध होंगे।
बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि अब जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्रों की प्रक्रिया पंचायत और सीएससी स्तर पर आरंभ की जाएगी, जो पूर्व में केवल प्रखंड स्तर पर उपलब्ध थी। इस निर्णय से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को अधिक सुविधा मिलेगी और प्रमाण पत्रों के लिए प्रखंड कार्यालय की निर्भरता समाप्त होगी।
उपायुक्त ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि निर्धारित दर के अतिरिक्त किसी भी प्रकार की राशि की वसूली पूरी तरह से वर्जित रहेगी। यदि किसी केंद्र द्वारा अतिरिक्त शुल्क की शिकायत प्राप्त होती है, तो संबंधित सीएससी की आईडी रद्द कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रज्ञा केंद्र पर स्वच्छता, विनम्रता एवं पेशेवर आचरण अनिवार्य रूप से अपनाया जाए, ताकि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं मिल सकें।
पंचायत भवन स्थित प्रज्ञा केंद्रों पर विशेष ध्यान देने की बात भी कही गई। उपायुक्त ने निर्देशित किया कि ये केंद्र पंचायत भवन के भू-तल (ग्राउंड फ्लोर) पर ही संचालित हों, ताकि वृद्ध, दिव्यांग एवं सामान्य नागरिकों को सीढ़ियों या अन्य बाधाओं के कारण कोई असुविधा न हो। ऐसे केंद्रों को प्रशासन की ओर से प्रोत्साहन भी प्रदान किया जाता है।
बैठक के अंत में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि 15 अगस्त 2025 के पश्चात सभी एसडीओ, बीडीओ एवं सीओ अपने-अपने क्षेत्र का भौतिक निरीक्षण कर मूल्यांकन प्रतिवेदन जिला कार्यालय को प्रस्तुत करें। उन्होंने दोहराया कि निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने पर संबंधित सीएससी की सेवाएं रद्द की जा सकती हैं।
इस महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक में उप विकास आयुक्त पशुपतिनाथ मिश्रा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी प्रमेश कुशवाहा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी नीरज कुमार सहित जिले के सभी अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, अंचल अधिकारी और सभी सीएससी वीएलई ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।