
सिल्ली मुरी से सुमित रंजन महतो की खास रिपोर्ट,
मुरी : भूख और हरे चारें की चाह में पश्चिम बंगाल की दर्जनों गायें नदी तैर कर हर रोज झारखंड आती है ! जी हां , पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिला अंतर्गत तुलिन से दर्जनों गायें तेज बहाव वाली स्वर्णरेखा नदी को तैर कर पार करती है तथा मुरी में प्रवेश करती है।
इन दिनों नदी का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर चुकी है। वहीं नदी में पानी का तेज बहाव भी है। बावजूद गायें यहां हरे चारे की तलाश में हर रोज आती है। मज़े की बात यह है कि इन मवेशियों के मालिक स्वयं पश्चिम बंगाल के तट पर ही रहता है ।
वो दिन में गायों को हांक कर नदी तट पर लाता है गायें नदी तैरकर झारखंड में प्रवेश कर जाती है। फिर गोधुलि बेला में ये गायें स्वयं वापस नदी तैर कर अपने घरों को लौट जाती है। तेज बहाव में गायों को नदी पार करते देख मुरी में लोग इस दृश्य को कैमरे में कैद करते दिखें।
इतनी लंबी नदी तट पार करतीं गायें पूंछ उठाकर भागती हुई अपने गंतव्य को चली गई।