बालूमाथ क्षेत्र में खुशी की लहर, गांव-समाज में बांटी गई मिठाइयां
बालूमाथ (लातेहार)।
कोमर गांव के किसान परिवार से निकलकर प्रवीण कुमार सिंह ने झारखंड प्रशासनिक सेवा में उपसमाहर्ता (SDM) बनकर अपने क्षेत्र का नाम रौशन किया है। प्रवीण की इस सफलता से पूरे बालूमाथ और आसपास के क्षेत्रों में खुशी की लहर है। ग्रामीणों और परिजनों ने मिठाइयाँ बाँटकर हर्ष जताया।
प्रवीण कुमार सिंह की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय और बालूमाथ के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर से हुई। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई अर्थशास्त्र (प्रतिष्ठा) से की और लगातार संघर्ष करते हुए JPSC की परीक्षा पास कर यह मुकाम हासिल किया।
संघर्षों से भरा बचपन
प्रवीण का बचपन अभावों में बीता। बकरी चराना, हल जोतना, महुआ चुनना, जंगल में जानवर चराना और साथ-साथ पढ़ाई करना उनकी दिनचर्या का हिस्सा रहा। कभी होटल में दूध पहुँचाना तो कभी खेतों में हरवाहों को भूंजा देना – यह उनकी मेहनत की मिसाल हैं। जंगल में बकरियों के साथ पढ़ाई करते समय उन्हें लोगों की फटकारें और गालियाँ भी झेलनी पड़ीं, पर उनका हौसला कभी नहीं टूटा।
प्रतियोगी परीक्षाओं में रच दिया इतिहास
प्रवीण ने अब तक लगभग 70-80 प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लिया, जिनमें 15-16 में सफलता भी पाई। उन्होंने क्लर्क, सब-इंस्पेक्टर, सचिवालय सहायक जैसे पदों पर कार्य किया और फिर JPSC की परीक्षा पास कर SDM बने। झारखंड पुलिस में दारोगा भर्ती में उन्होंने पूरे राज्य में आठवां स्थान प्राप्त किया था।
व्यक्तित्व और प्रशासनिक छवि
प्रवीण सिंह बेबाक वक्ता और संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं। वे जहां भी तैनात रहे, आम लोगों की समस्याओं को लेकर मुखर रहे। सोशल मीडिया पर भी उनकी गहरी पकड़ है। वर्तमान में वे बलियापुर में अंचल अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। उनकी पत्नी अनीता देवी लातेहार जिला परिषद की उपाध्यक्ष हैं, जबकि उनके छोटे भाई पीकेश कुमार सिंह झारखंड सचिवालय में पदस्थापित हैं।
“हर जवाबदेही को निभाऊंगा पूरी ईमानदारी से”
प्रवीण का कहना है कि सरकार द्वारा जो भी जिम्मेदारी दी जाएगी, उसे पूरी निष्ठा से निभाना उनका कर्तव्य है। उनकी सफलता आज ग्रामीण युवाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।