
पिता समान थे ददई दुबे, उनसे समाजसेवा की मिली प्रेरणा : अभिमन्यु सिंह
संवाददाता:अनुज तिवारी,
पूर्व मंत्री एवं चार टर्म के विधायक और एक बार सांसद रह चुके झारखंड के वरिष्ठ नेता चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक कांडी प्रखंड क्षेत्र के चोका गांव लाया गया। वहां से उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हेतु वाराणसी ले जाया गया, जहां राजा हरिश्चंद्र घाट पर देर शाम उनका उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
अंतिम यात्रा में उनके अभिन्न, शिष्यवत रहे समाजसेवी युवा नेता अभिमन्यु सिंह उर्फ बबलू सिंह ने पुत्र के रूप में कंधा देकर उन्हें भावभीनी विदाई दी। इस दौरान क्षेत्र के कई गणमान्य लोग, समर्थक और ग्रामीण मौजूद रहे। अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब इस बात का प्रतीक था कि ददई दुबे न केवल एक राजनेता थे, बल्कि जन-जन के दिलों में बसने वाले जनसेवक थे। श्री दुबे कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता, विधायक एवं सांसद रहे हैं।
अभिमन्यु सिंह ने भारी मन से कहा कि “श्री दुबे उनके लिए पिता समान थे, जिन्होंने हमेशा अभिभावक के रूप में मार्गदर्शक की भूमिका निभाई है। ददई दुबे से ही उन्हें समाजसेवा की प्रेरणा मिली। आज उन्हें कंधा देकर अंतिम विदाई देना उनके जीवन का सबसे भावुक क्षण है।” उनका निधन अभिमन्यु सिंह ही नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता मर्माहत है। उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आत्मा की शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की। साथ ही दुख की इस घड़ी में उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करने की कामना की।
विदित हो कि चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे का राजनीतिक जीवन बेहद संघर्षपूर्ण और प्रेरणादायी रहा है। वे विधायक, मंत्री और सांसद रहते हुए जनता की जनभावनाओं को समझते हुए उनके दुख-दर्द का साथी बनने का कार्य किया है। उनके कार्यकाल में गरीब, मजदूर, किसान और दलितों के हितों की हमेशा प्राथमिकता रही है। उनकी पहचान एक निडर, जनपक्षधर और ईमानदार राजनेता की रही है।
ददई दुबे का जाना न केवल गढ़वा-पलामू के लिए, बल्कि पूरे झारखंड की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।
वाराणसी में होने वाले अंतिम संस्कार में भी झारखंड से बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं।
उन्होंने भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए “लोकप्रिय जनसेवक को शत्-शत् नमन किया और कहा कि उनकी विचारधारा और संघर्ष हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत रहेगी।”