
नई दिल्ली, 25 मई
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक में देश के विकास की गति को और तेज करने, ‘डबल इंजन’ की सरकार की कार्यक्षमता को अधिक प्रभावशाली बनाने और जनकल्याणकारी योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए रणनीतियाँ तय की गईं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन में भाग लेने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने बैठक की सार्थकता और विभिन्न राज्यों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लिखा,
“दिल्ली में एनडीए के मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लिया, जिसमें विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। विभिन्न राज्यों ने जल संरक्षण, शिकायत निवारण, मजबूत प्रशासनिक संरचना, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, खेल एवं अन्य विषयों सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपने सर्वोत्तम तौर-तरीकों पर प्रस्तुतियां दीं। इन अनुभवों को सुनना बहुत अद्भुत था।”
डबल इंजन सरकार: जनहित की योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि ‘डबल इंजन’ सरकार – यानी केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार – विकास के लिए एक आदर्श स्थिति प्रदान करती है, जिसका पूरा लाभ आम नागरिकों तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि इस समन्वय का उपयोग करके नीतियों और योजनाओं को तेजी से और अधिक प्रभावी रूप से लागू किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि शासन व्यवस्था को मजबूत और जवाबदेह बनाना समय की माँग है ताकि सुशासन का अनुभव नागरिकों को प्रत्यक्ष रूप से हो।
अनुभवों का आदान-प्रदान और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने पर जोर
बैठक के दौरान एनडीए शासित राज्यों ने अपने-अपने बेहतर प्रशासनिक मॉडल और सफल योजनाओं की प्रस्तुतियाँ दीं। इनमें जल संरक्षण, शिक्षा सुधार, महिला एवं युवा सशक्तिकरण, खेल को बढ़ावा देने, और पारदर्शी शिकायत निवारण प्रणाली जैसी योजनाओं का उल्लेख किया गया।
प्रधानमंत्री ने इन साझा अनुभवों को “अद्भुत” बताते हुए कहा कि जब राज्य आपसी सीख और नवाचार के अनुभवों को साझा करते हैं, तो राष्ट्रीय स्तर पर एक समान और संतुलित विकास की ओर अग्रसर होना आसान हो जाता है।
विकास के प्रमुख क्षेत्रों पर विशेष ध्यान
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में विशेष रूप से स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवा, युवा सशक्तिकरण, कृषि और तकनीकी नवाचार जैसे क्षेत्रों पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में केंद्र और राज्यों के बीच मजबूत तालमेल से राष्ट्रीय लक्ष्यों को शीघ्रता से प्राप्त किया जा सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि विकास की प्रक्रिया में जन भागीदारी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ताकि नीतियों का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
सतत विकास और सुशासन के लिए समर्पण
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि उन्हें राज्य स्तर पर भी नवाचार, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व को शासन की मूलभूत संरचना का हिस्सा बनाना होगा। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन के माध्यम से नागरिकों का विश्वास और अधिक मज़बूत करें।
तकनीक और आधुनिक समाधानों का उपयोग
सम्मेलन में तकनीकी प्रगति और डिजिटल गवर्नेंस के महत्व पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने राज्यों से आग्रह किया कि वे प्रशासनिक दक्षता के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म और डेटा आधारित निर्णय प्रणाली को अपनाएं, जिससे सेवाओं की डिलीवरी में सुधार हो और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हो।
ग्रामीण विकास और कृषि सुधार
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को सशक्त करने के लिए राज्यों को किसानों के हित में प्रशिक्षण, नवाचार और बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना होगा। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि जल संरक्षण और सूक्ष्म सिंचाई प्रणालियों के प्रयोग से खेती को अधिक लाभकारी और टिकाऊ बनाया जा सकता है।
महिला और युवा सशक्तिकरण की दिशा में योगदान
सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने महिलाओं और युवाओं को देश के विकास का भागीदार बनाने की दिशा में राज्यों द्वारा उठाए जा रहे कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों, कौशल विकास कार्यक्रमों, और स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन देकर युवा और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।
सम्मेलन की व्यापकता और भविष्य की दिशा
इस सम्मेलन को एनडीए की सामूहिक प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया जा रहा है, जिसमें विकास की राजनीति को केंद्र में रखते हुए “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और सबका प्रयास” के मंत्र को पुनः दोहराया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह स्पष्ट किया कि आने वाले समय में एनडीए सरकारें तेजी से निर्णय लेने, योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने और नागरिकों की अपेक्षाओं पर खरे उतरने के लिए काम करेंगी।
एनडीए मुख्यमंत्रियों का यह सम्मेलन न केवल राज्यों के आपसी सहयोग और सीखने का एक मंच बना, बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय विकास एजेंडे को गति देने की दिशा में एक ठोस प्रयास भी रहा।
प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट संदेश रहा कि डबल इंजन सरकार केवल एक राजनीतिक संकल्प नहीं, बल्कि एक प्रभावी विकासात्मक मॉडल है, जो जनहित और राष्ट्रनिर्माण के लक्ष्यों की पूर्ति में केंद्रीय भूमिका निभाता है।
भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में यह बैठक एक नई ऊर्जा और समन्वय का प्रतीक बनकर सामने आई है।