रिपोर्ट – पंकज कुमार यादव,
गारू (पलामू)। पलामू टाइगर रिज़र्व के बारेसांढ़ प्रक्षेत्र अंतर्गत द्वारसैनी क्षेत्र में बीते दो दिनों से भीषण जंगल की आग धधक रही है। इस आग की चपेट में आकर वन क्षेत्र की बेशकीमती जैव विविधता को व्यापक क्षति पहुंची है। कई दुर्लभ औषधीय पौधे जलकर नष्ट हो गए हैं, जबकि वन्यजीवों की जान जाने की आशंका से क्षेत्र में चिंता गहराई है।
स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि आग पर काबू पाने के लिए कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के दैनिक वन मजदूर इस समय मनरेगा और अन्य ठेकेदारी कार्यों में लगे हुए हैं, जिससे आग बुझाने के कार्य में सहयोग नहीं मिल पा रहा।
संसाधनों की भारी कमी से जूझ रहा वन विभाग
वनरक्षी वर्धमान भगत ने बताया कि विभाग आग पर काबू पाने के प्रयास में जुटा है, परंतु संसाधनों की कमी गंभीर चुनौती बनकर सामने आ रही है। उन्होंने बताया, “इस वर्ष ब्लोअर मशीनों की सर्विसिंग नहीं हो सकी, जिससे वे खराब पड़ी हैं। वहीं, मेरे प्रक्षेत्र में कार्यरत वन ट्रैकरों की संख्या शून्य है। ट्रैक्टरों को इन्क्लोजर निर्माण कार्य में लगा दिया गया है।”
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया कि ग्राम की इको विकास समिति भी भंग हो चुकी है, जिससे सामुदायिक सहयोग भी नहीं मिल पा रहा है।
हर वर्ष की पुनरावृत्ति, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं
गौरतलब है कि हर साल गर्मी के मौसम में पलामू टाइगर रिज़र्व के विभिन्न क्षेत्रों में जंगल में आग की घटनाएं सामने आती रही हैं। इसके बावजूद विभाग की तैयारी और प्रतिक्रिया हर वर्ष सवालों के घेरे में रही है। इस बार भी स्थिति गंभीर हो चुकी है, और विभाग की निष्क्रियता से स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है।