गढ़वा | संवाददाता – अनूप कुमार गुप्ता,
जिला प्रशासन की जनसंवाद व शिकायत निवारण पहल के तहत उपायुक्त शेखर जमुआर के निर्देश पर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जनता दरबार का आयोजन किया गया। इस दौरान जिला आपूर्ति पदाधिकारी राम गोपाल पांडेय ने आमजनों की समस्याएं सुनीं और समाधान के लिए संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए।
जनता दरबार में बड़ी संख्या में ग्रामीण अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। राशन, पेंशन, आवास, भूमि सीमांकन, नामांतरण, मजदूरी भुगतान, मुआवजा, और रोजगार से जुड़ी समस्याएं प्रमुख रूप से सामने आईं। जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने सभी फरियादियों की शिकायतें गंभीरता से सुनते हुए संबंधित पदाधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
जन वितरण प्रणाली में गड़बड़ी का आरोप
रमकंडा प्रखंड के बरवा गांव की सुशीला कुजूर ने जन वितरण प्रणाली दुकान पर खाद्यान्न में कटौती का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि गुलाब महिला समूह, बरवा द्वारा मार्च, अप्रैल, मई और जून 2024 में 4-4 किलोग्राम कम राशन दिया गया, जबकि मार्च 2025 का राशन अब तक नहीं वितरित किया गया है। उन्होंने लाइसेंस रद्द करने और नई महिला समूह को जिम्मेदारी सौंपने की मांग की।
अनुसेवक बहाली में अनदेखी का मामला
कांडी प्रखंड के हरिगांवा निवासी काशीनाथ साव ने स्वयं को अनुसेवक पद पर रखने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वे पिछले सात वर्षों से मनरेगा के तहत अनुसेवक के रूप में कार्य कर रहे थे, लेकिन हालिया नियुक्तियों में उनका नाम शामिल नहीं किया गया।
शिक्षक का वेतन भुगतान लंबित
उत्क्रमित मध्य विद्यालय बीरबांध, रंका के सहायक शिक्षक चंद्र किशोर सिंह ने सितंबर 2024 से अपने मूल विद्यालय में कार्यरत होने के बावजूद वेतन भुगतान नहीं होने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि वे प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में कार्य कर रहे हैं और अन्य प्रशासनिक कार्यों का दायित्व भी निभा रहे हैं।
मनरेगा मजदूरी भुगतान में लापरवाही
सगमा प्रखंड के कटहरकला गांव की प्रतिमा कुमारी ने मनरेगा अंतर्गत वर्ष 2018-19 में संचालित कूप निर्माण योजना की मजदूरी अब तक नहीं मिलने की शिकायत की। उन्होंने अन्य मजदूरों के साथ मिलकर कार्य पूरा करने के बाद भी मजदूरी भुगतान न होने की बात कही और शीघ्र भुगतान की मांग की।
जनता दरबार में इन सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि शिकायतों का भौतिक सत्यापन कर समयबद्ध तरीके से समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जनता की शिकायतों का निष्पादन प्रशासन की प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।